30 जून 2011 को बैंकों में पच्चीस पैसे या चार आना यानी चवन्नियां (25 paise coin) जमा कर उनके स्थान पर बड़ी मुद्रा के सिक्के या नोट हासिल करने की अंतिम तिथि थी. भारतीय रिजर्व बैंक (RBI: Reserve Bank of India, आरबीआई) ने चवन्नी को चलन से बाहर करने की घोषणा करते समय सूचना दी थी कि 30 जून के बाद 25 पैसे और उससे कम मूल्य के सिक्के वैध नहीं रहेंगे.
केंद्र सरकार ने सिक्का अधिनियम, 1906 की धारा 15ए का इस्तेमाल करते हुए 25 पैसे और उससे कम मूल्य के सिक्कों को बाजार से वापस लेने का निर्णय किया था. चवन्नी (25 paise coin) और इससे कम मूल्य के सिक्कों के इस्तेमाल पर प्रतिबंध के बाद सबसे कम मूल्य का सिक्का 50 पैसे का होगा. इससे पहले 1, 2, 3, 5, 10 और 20 पैसा को बाजार से खत्म किया जा चुका है.
केंद्र सरकार ने चवन्नी की वैधता समाप्त करने के पीछे तर्क दिया कि उनकी ढलाई में उन पर अंकित मूल्य से कहीं अधिक का खर्चा आता था. सिक्के बनाने में मुख्य रूप से तांबा, निकल, जस्ता और स्टैनलेस स्टील का इस्तेमाल किया जाता है.
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