पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी और गोरखा जनमुक्ति मोर्चा के नेताओं के बीच कोलकाता के रायटर्स बिल्डिंग में 7 जून 2011 को हुई बैठक में दोनों पक्षों के बीच गोरखालैंड की मांग पर सहमति बनी. सहमति के अनुसार पश्चिम बंगाल सरकार द्वारा दार्जिलिंग गोरखा हिल काउंसिल (Darjeeling Gorkha Hill Council) को ज्यादा स्वायत्तता देने के साथ ही नई समिति का गठन किया जाना है. इसके बदले में गोरखा जनमुक्ति मोर्चा द्वारा पृथक गोरखालैंड की मांग छोड़ दिए जाने का निर्णय लिया गया.
दार्जिलिंग गोरखा हिल काउंसिल (Darjeeling Gorkha Hill Council) को ज्यादा स्वायत्तता देने के साथ ही बनाई जाने वाली नई समिति में 11 सदस्य होंगे, जिसमें चेयरमैन के अलावा गोरखा जनमुक्ति मोर्चा के तीन विधायक और पर्वतीय क्षेत्र से सात अन्य प्रतिनिधि शामिल होंगे. इन सदस्यों का चयन चुनाव के आधार पर होना है. हालांकि 11 सदस्यीय इस समिति को प्रशासनिक और आर्थिक कामकाज की जिम्मेदारी दिया जाना तय हुआ जबकि नियम- कानून बनाने के हक से वंचित रखा गया.
पश्चिम बंगाल सरकार गोरखालैंड मुद्दे पर गोरखा जनमुक्ति मोर्चा के साथ हुई सहमति की जानकारी केंद्रीय गृह मंत्री पी चिदंबरम को दे दी.
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