पूर्व केंद्रीय मंत्री और छत्तीसगढ़ से कांग्रेस पार्टी के नेता विद्याचरण शुक्ल का गुड़गांव के मेदांता मेडिसिटी हास्पिटल में 11 जून 2013 को निधन हो गया. वह 84 वर्ष के थे. विद्याचरण शुक्ल का अंतिम संस्कार उनकी वसीयत के अनुसार रायपुर स्थित उनके फार्म हाउस में उनके द्वारा बनवाए गए समाधि स्थल पर 12 जून 2013 को किया जाना है. छत्तीसगढ के मुख्यमंत्री रमन सिंह ने विद्याचरण शुक्ल के निधन पर प्रदेश में तीन दिनों के राजकीय शोक की घोषणा की.
वह 80 के दशक के बाद के वर्षों में विश्वनाथ प्रताप सिंह से जुड़ गए और 1989 के संसदीय चुनाव से पूर्व गठित जनमोर्चा का हिस्सा रहे. शुक्ल को विश्वनाथ प्रताप सिंह सरकार में मंत्री बनाया गया और बाद में वह चंद्रशेखर की तरफ आ गए और कुछ समय तक सत्ता में रही जद (एस) सरकार में मंत्री बने रहे. बाद में वह फिर कांग्रेस में लौटे और प्रधानमंत्री नरसिंह राव के नेतृत्व में संसदीय मामले और जल संसाधन मंत्री बने.
विद्या चरण शुक्ला का संक्षिप्त परिचय
जन्म : 2 अगस्त 1929, रायपुर
पिता : पंडित रविशंकर शुक्ला (वकील, स्वतंत्रता सेनानी और पुनर्गठित मध्यप्रदेश के पहले मुख्यमंत्री)
शादी : 15 फरवरी 1951
पत्नी का नाम : सरला शुक्ला
बच्चे : तीन बेटियां
शिक्षा : वर्ष 1951 में नागपुर के मोरिस कॉलेज से स्नातक किया
राजनैतिक जीवन
• विद्याचरण शुक्ल पहली बार वर्ष 1957 में हुए आम चुनाव में कांग्रेस के टिकट पर महासमुंद संसदीय क्षेत्र से निर्वाचित हुए.
• विद्याचरण शुक्ल चौथी, पाचवीं, सातवीं, आठवीं, नौवीं और दसवीं लोकसभा के सदस्य (नौ बार) निर्वाचित हुए.
• वर्ष 1966 में इंदिरा गांधी के नेतृत्व में बनी सरकार में विद्याचरण शुक्ल केंद्रीय सूचना और प्रसारण राज्य मंत्री रहे.
• अपने लंबे राजनीतिक जीवन में विद्याचरण शुक्ल ने संचार, गृह, रक्षा, वित्त, योजना, सूचना प्रसारण, विदेश मंत्रालय में काम किया.
• विद्याचरण शुक्ल 1984 से 1987 के बीच भारतीय ओलंपिक संघ (आईओए) अध्यक्ष रहे.
• वह भारतीय कुश्ती महासंघ के अध्यक्ष भी रहे.
कंपनी का गठन
• विद्याचरण शुक्ल ने पढ़ाई पूरी करने के बाद एलन कूपर प्राइवेट लि. की स्थापना की और आज विश्वभर से कंपनी के ग्राहक जुड़े हुए हैं, इनमें सबसे ज्यादा यूरोप और अमेरिका के हैं.
विदित हो कि माओवादियों ने 25 मई 2013 को छत्तीसगढ़ के बस्तर जिले में कांग्रेसी नेताओं के काफिले पर हमला किया, जिसमें 27 व्यक्तियों की मौत हुई और विद्याचरण शुक्ल सहित 36 अन्य घायल हुए. मरने वालों में प्रदेश कांग्रेस समिति के अध्यक्ष नंद कुमार पटेल, उनका पुत्र दिनेश, वरिष्ठ कांग्रेस नेता महेन्द्र कर्मा और पूर्व विधायक उदय मुदलियार शामिल थे.
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