केंद्रीय पेट्रोलियम मंत्रालय ने 3 अक्टूबर 2014 को ओएनजीसी के कृष्णा गोदावरी बेसिन केजी-D5 ब्लॉक में गैस खोज परियोजना को विकसित करने में विलंब के कारणों की जांच के लिए बी एन तालुकर की अध्यक्षता में एक समिति गठित की. तीन सदस्यीय इस समिति का गठन हाइड्रोकार्बन महानिदेशक बी एन तालुकर की अध्यक्षता में किया गया और वित्तीय सलाहकार और एक निदेशक मंत्रालय से होगा.
समिति अक्टूबर 2014 के अंत तक अपनी रिपोर्ट प्रस्तुत करेगी. ओएनजीसी का केजी-D5 रिलायंस इंडस्ट्रीज (आरआईएल) के पूर्वी अपतटीय केजी-डी 6 ब्लॉक के अगला ब्लॉक हैं. दोनों ब्लॉकों को 2000 में घोषित नई अन्वेषण लाइसेंसिंग नीति (नेल्प) के तहत नीलामी के पहले दौर में तय किया गया था.
जहां आरआईएल ने अप्रैल 2009 में अपने केजी-डी 6 ब्लॉक से तेल उत्पादन तथा सितंबर 2008 में गैस उत्पादन शुरू किया, वहीं ओएनजीसी ने केजी-D5 ब्लॉक में 11 तेल और गैस स्थानों को खोजा हैं और इसकी वर्ष 2018 में ब्लॉक से उत्पादन और वर्ष 2019 में तेल उत्पादन शुरू करने की योजना हैं.
ओएनजीसी द्वारा उत्पादन योजना में देरी के बाद मंत्रालय विलंब के कारणों की जांच करना चाहता है. ओएनजीसी के अध्यक्ष एवं प्रबंध निदेशक दिनेश के सर्राफ ने समिति के गठन का स्वागत किया और कंपनी जांच में पूरा सहयोग प्रदान करने का आश्वासन दिया. ओएनजीसी ने दावा किया की केजी-D5 ब्लॉक से प्रति दिन 90,000 बैरल तक का उत्पादन होगा. इस उत्पादन का पूर्वी तट पर किसी भी क्षेत्र से सबसे अधिक होने का अनुमान है. ओएनजीसी ब्लॉक से प्रति दिन 17 मिलियन स्टैंडर्ड क्यूबिक मीटर गैस का उत्पादन होगा. केजी-D5 बेसिन को दो भागों उत्तरी डिस्कवरी एरिया (एनडीए) और दक्षिणी डिस्कवरी एरिया (एसडीए) में बांटा गया है.
Comments
All Comments (0)
Join the conversation