प्रधानमंत्री डॉ मनमोहन सिंह की जर्मनी की राजकीय यात्रा 12 अप्रैल 2013 को सम्पन्न हुई. मनमोहन सिंह जर्मनी के साथ दूसरे दौर के अंतर सरकारी परामर्श में भाग लेने हेतु 10 से 12 अप्रैल 2013 तक जर्मनी की द्विपक्षीय यात्रा पर गए थे.
प्रधानमंत्री डॉ मनमोहन सिंह की जर्मनी की यात्रा के दौरान कई महत्त्वपूर्ण दस्तावेजों पर हस्ताक्षर किए गए:
1. भारत में विदेशी भाषा के रूप में जर्मन को बढ़ावा देने के संबंध हेतु एमओयू
• यह एमओयू भारत के मानव संसाधन विकास मंत्रालय तथा जर्मनी के संघीय विदेश कार्यालय के मध्य किया गया.
• एमओयू पर भारत के मानव संसाधन विकास मंत्री डॉ एम मंगापति पल्लम राजु और जर्मन विदेश कार्यालय में राज्य मंत्री कोरनेलिया पिपेर ने हस्ताक्षर किए.
• इस एमओयू के तहत जर्मन भाषा के लिए बीएड कार्यक्रम शुरू करने में सहयोग किया जाना है.
• इसके अतिरिक्त पारस्परिक विश्वास एवं अंतर सांस्कृतिक संबंधों में सुधार के लक्ष्य के साथ मास्टर डिग्री कार्यक्रमों के लिए तथा जर्मनी में अल्प अवधि के प्रवास के लिए छात्रवृत्तियां भी प्रदान की जानी है.
2. उच्च शिक्षा के क्षेत्र में सहयोग हेतु अंतर्सरकारी एमओयू
• भारत के मानव संसाधन विकास मंत्री डॉ एम मंगापति पल्लम राजु और जर्मनी के संघीय शिक्षा एवं अनुसंधान मंत्री जोहाना वांका ने इस एमओयू पर हस्ताक्षर किए.
• इसका उद्देश्य लोगों के मध्य आदान-प्रदान में सुविधा प्रदान करना है.
• इसमें छात्र, शिक्षाविद एवं परियोजना कोलाबोरेटर शामिल हैं.
3. सिविल सुरक्षा अनुसंधान के क्षेत्र में भारत - जर्मनी सहयोग पर संयुक्त मंशा घोषणा
• इस पर भारत के विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी मंत्री जयपाल रेड्डी और जर्मनी के संघीय शिक्षा एवं अनुसंधान मंत्री जोहाना वांका ने हस्ताक्षर किए.
• इस क्षेत्र में भारत और जर्मनी अनुसंधान सहयोग का उद्देश्य पांच प्रायोगिक परियोजनाओं को 2013 में वित्त पोषित करना है, जिसमें अभिचिह्नित प्राथमिकता वाले क्षेत्र हैं - प्राकृतिक आपदा प्रबंधन, जैविक जोखिम संबंधी स्थितियां, शहरी सुरक्षा, लोगों की सुरक्षा एवं बचाव तथा सिविल सुरक्षा अनुसंधान के सामाजिक पहलू.
4. जर्मन संघीय खाद्य, कृषि एवं उपभोक्ता संरक्षण मंत्रालय तथा भारत के राजकीय बीज संघ और जर्मन प्लांट ब्रीडर संघ के द्विपक्षीय सहयोग कार्यक्रम के लिए इसके अधिदेश के अनुसार कार्य करते हुए भारत के कृषि एवं सहकारिता विभाग और जर्मन संघीय खाद्य, कृषि एवं उपभोक्ता संरक्षण मंत्रालय के बीच संयुक्त घोषणा
• इस पर भारत के राजदूत और जर्मनी के डॉ गियर्ड मूलर, संसदीय राज्य सचिव, संघीय खाद्य, कृषि एवं उपभोक्ता संरक्षण मंत्रालय ने हस्ताक्षर किए.
• इसका उद्देश्य निम्नलिखित के क्षेत्र में सहयोग को सुदृढ़ करना है:
a) पादप की किस्मों का संरक्षण
b) पादप आनुवंशिक संसाधनों का संरक्षण
c) भारत एवं जर्मनी की कृषि शोध संस्थाओं तथा बीज कंपनियों के बीच सहयोग
5. मानकीकरण, अनुरूपता मूल्यांकरन एवं उत्पाद सुरक्षा में सहयोग के लिए गुणवत्ता अवसंरचना पर भारत–जर्मनी कार्य समूह की स्थापना पर भारत के उपभोक्ता मामले, खाद्य एवं सार्वजनिक वितरण मंत्रालय और जर्मन संघीय गणराज्य के आर्थिक एवं प्रौद्योगिकी मंत्रालय के बीच संयुक्त मंशा घोषणा
• इस पर भारत के विदेश सचिव/भारत के राजदूत और जर्मनी के एनी रूथ हरकेस, जर्मन संघीय आर्थिक एवं प्रौद्योगिकी मंत्रालय में राज्य सचिव ने हस्ताक्षर किए.
• इसका उद्देश्य द्विपक्षीय आर्थिक एवं तकनीकी सहयोग को आगे बढ़ाकर तथा वार्ता को गहन करके एवं अंतरराष्ट्रीय संगठनों में समन्वित गतिविधियों को बढ़ावा देकर मानकीकरण, अनुरूपता मूल्यांकन एवं उत्पाद सुरक्षा में द्विपक्षीय सहयोग को सुदृढ़ करना है.
• इसमें गुणवत्ता अवसंरचना पर भारत–जर्मनी कार्य समूह की स्थापना का भी प्रावधान है.
6. हरित ऊर्जा कोरिडोर की स्थापना के संबंध में भारत- जर्मनी विकास सहयोग पर संयुक्त मंशा घोषणा
• इस पर भारत के डॉ फारूख अब्दुलला, नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा मंत्री और जर्मनी के गुदरून कोप्प, संसदीय राज्य सचिव ने हस्ताक्षर किए.
• इसका उद्देश्य अतिरिक्त नवीकरणीय उत्पादन ऊर्जा क्षमता को एकीकृत करके तकनीकी और वित्तीय सहयोग के माध्यम से भारत में नवीकरणी ऊर्जा के अधिक प्रयोग को बढ़ावा देना है.
• तकनीकी सहयोग को अंतरराष्ट्रीय सहयोग के लिए जर्मन एजेंसी (जीआईजेड) के माध्यम से कार्यान्वित किया जाना है तथा केएफडब्ल्यू का लक्ष्य अगले 6 वर्षों में एक बिलियन यूरो तक रियायती ऋण प्रदान करने का है.
दस्तावेजों की सूची जिन पर भारत–जर्मनी अंतरसरकारी परामर्श के दूसरे चक्र में अतिरिक्त समय के दौरान हस्ताक्षर किए गए:
• सोलर फोटोवाल्टेक; सोलर थर्मल सिस्टाम; हाइड्रोजन एवं ईंधन सेल्सत समेत विभिन्न क्षेत्रों में सहयोग एवं आदान–प्रदान के सौर ऊर्जा केंद्र तथा फ्रौरहोफर इंस्टिट्यूट के बीच एमओयू.
• भावी प्राकृतिक औषधियों के विकास के क्षेत्र में भारत के जैव प्रौद्योगिकी विभाग तथा हेल्माहोल्ट्ज एसोसिएशन के बीच सहयोग कार्यक्रम.
• राष्ट्रीय जलवायु कार्य योजना के तहत आईआईटी मद्रास में भारत – जर्मनी संपोषणीयता केंद्र की अनुसंधान रूप रेखा पर पूरक एमओयू.
• भाड़ा, यात्री प्रचालन, अवसंरचना निर्माण तथा प्रबंधन; आधुनिक प्रतिस्पषर्धी रेलवे संगठन के विकास के क्षेत्र में सहयोग के लिए ड्यूच बह्न तथा भारतीय रेल के बीच एमओयू.
• रेलवे से संबंधित सूचना प्रणालियों के क्षेत्र में सहयोग के लिए डी बी सिस्टेओल तथा सेंटर फॉर रेलवे इंफार्मेशन सिस्टम के बीच एमओयू.
• विशिष्टं व्यावसायिक प्रशिक्षण कार्यक्रम विकसित करने के लिए एचओएफ अनुप्रयुक्त् विज्ञान विश्वाविद्यालय तथा एंटीग्रेटेड एसोसिएशन ऑफ माइक्रो, स्माल एंड मीडियम इंटरप्राइजेज ऑफ इंडिया (फरीदाबाद स्माल इंडस्ट्री एसोसिएशन द्वारा निर्मित एसपीवी) के बीच एमओयू.
• अगस्त 2013 में भारत–बावरियन एकीकृत स्नोतम एवं मास्टिर कार्यक्रम स्थापित करने के लिए मणिपाल विश्व्विद्यालय, मणिपाल (भारत) और जर्मनी के एचओएफ अनुप्रयुक्त विज्ञान विश्वदविद्यालय के प्रतिनिधि के रूप में बावरियन विश्वचविद्यालय परिसंघ के बीच एमओयू.
• भारत में व्याओवसायिक शिक्षा एवं प्रशिक्षण की सहायता के लिए इंफोसिस लिमिटेड तथा बर्टेल्स मन स्टिफतुंग के बीच एमओयू. पीएसजी इंस्टिट्यूट ऑफ एडवांस स्टमडीज तथा प्रोफेशनल ट्रेनिंग सेंटर ऑफ बावरियन एम्पीलायर्स एसोसिएशन (बीएफजेड) के बीच एमओयू.
• राजस्थान में एक अधुनातन व्यावसायिक शिक्षा प्रशिक्षण सुविधा स्थापित करने के लिए कैर्न इंडिया तथा टीयूवी रिह्नलैंड के बीच संविदा करार.
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