अमेरिकी व्यापार पत्रिका फॉर्च्यून ने 20 अगस्त 2015 को अपनी पहली चेंज द वर्ल्ड लिस्ट जारी कर दी.
इसमें पत्रिका ने उन कंपनियों को सूचीबद्ध किया है जिन्होंने अपनी प्रमुख व्यापार रणनीतियों के हिस्से के तौर पर प्रमुख सामाजिक समस्याओं को संबोधित करने में महत्वपूर्ण प्रगति की है.
इस सूची में दूरसंचार (वोडाफोन), खुदरा बाजार की कंपनी (वालमार्ट), ऑटोमोबाइल्स (फोर्ड, टोयोटा) और सूचना प्रौद्योगिकी (गूगल, फेसबुक, आईबीएम) जैसे अलग–अलग क्षेत्रों की कंपनियों को शामिल किया गया है.
चेंज द वर्ल्ड लिस्ट की मुख्य विशेषताएं
सूचीबद्ध 51 कंपनियों में से सूची में यूकी की वोडाफोन और कीन्या की सफारीकॉम संयुक्त रूप से पहले स्थान पर हैं.संयुक्त सेवा एम–पेसा बैंक में खुद का खाता नहीं होने वाले लोगों को उनके स्मार्ट फोन का उपयोग कर पैसों की बचत और हस्तांतरित करने, पेंशन प्राप्त करने और बिलों के भुगतान की सुविधा देता है. फिलहाल केन्या के जीडीपी का 42 फीसदी इसके जरिए संपादित किया जाता है.
दूसरा स्थान और समय के बीच की खाइ को पाटने के लिए विभिन्न प्रकार के संचार उपकरण उपलब्ध कराने वाले सर्ज इंजन दिग्गज गुगल (अल्फाबेट) को दिया गया था.
तीसरे स्थान पर टोयोटा ऑटोमोबाइल कंपनी रही, खुदरा बाजार की दिग्गज कंपनी वालमार्ट ने चौथा स्थान हासिल किया.
गरीबी पर जीत हासिल करने में लाखों लोगों की मदद करने वाले बांग्लादेश की ग्रामीण बैंक ने सूची में 12वां स्थान हासिल किया.
सूची में जगह बनाने वाली अन्य महत्वपूर्ण कंपनियां रहीं अलिबाबा, स्टारबक्स, यूनिलिवर, नाइकी और ट्विटर.
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