मनु प्रकाश के नेतृत्व वाली स्टैनफोर्ड विश्वविद्याल के वैज्ञानिकों की एक टीम ने किफायती माइक्रोस्कोप – फोल्डस्कोप (फोल्डिंग डिजाइन के कारण) विकसित किया. शोध अमेरिका के स्टैनफोर्ड डेली में अप्रैल 2014 के पहले सप्ताह में प्रकाशित हुआ था.
फोल्डस्कोप की संरचना
फोल्डस्कोप कागज से बना है और इसके तीन भाग होते हैं–
1. कागज की एक पर्ची जो स्लाइड के रूप में काम करता है और इसपर नमूना रखते हैं.
2. गेंद के आकार का लेंस के लिए स्लाइड.
3. एलईडी लाइट देने वाला टुकड़ा. परीक्षण के लिए आने वाली वस्तु की परीक्षा में मदद करने के लिए.
मैकेनिज्म
• परंपरागत माइक्रोस्कोप की ही तरह उपयोगकर्ता को नमूना देखने के लिए आंखों को लेंस के करीब रखना होता है.
• उपयोगकर्ता के अंगूठे छवि को घूमाने और बढ़ाने को नियंत्रित करेंगे. इस प्रक्रिया में छवि के विभिन्न हिस्से को देखने भी शामिल है.
• आवर्धन को नियंत्रित करने के लिए साधारण फ्लेक्सिंग मैकेनिज्म का इस्तेमाल किया गया है.
हालांकि, परीक्षण के समय फोल्डस्कोप के बारे में कई सवाल पैदा हुए. ये सवाल थे
• आंखों पर पड़ने वाला दवाब
• कर्मचारी परिस्थित विज्ञान (एर्गोनामिक्स)
• मानव शरीर के बेहद निकट संभावित संक्रामक नमूनों की परीक्षा.
इन चिताओं से निपटने के लिए शोधकर्ता अब अलग तरह के माइक्रोस्कोप विकसित करने की दिशा में काम कर रहे हैं. भावी फोल्डस्कोप इस प्रकार से डिजाइन किया जाएगा जिसमें हर एक प्रकार की बीमारी के लिए संबंधित माइक्रोस्कोप होगा जिसका इस्तेमाल सिर्फ उसी बीमारी के लिए किया जा सकेगा. फोल्डस्कोप कीमत को कम करने और पारंपरिक बहुउद्देशीय माइक्रोस्कोप में मौजूद अनुकूलन की कठिनाई को दूर करेगा.
Comments
All Comments (0)
Join the conversation