बधिर अध्ययन विशेषज्ञ राबर्ट फ्रेडरिक पनारा का 20 जुलाई 2014 को दिल की बीमारी की वजह से 94 वर्ष की आयु में अमेरिका के रोचेस्टर में निधन हो गया.
पनारा लेखक और कवि भी थे. वह अमेरिका में उच्च शिक्षा के पहले बधिर शिक्षक थे.
राबर्ट फ्रेडरिक ने शेक्सपियर के विद्वान के रूप में शेक्सपियर के नाटक मैकबेथ, हेमलेट और ओथेलो को सांकेतिक भाषा में अनुवाद करने में मदद की.
उनकी पत्नी शर्ली फिशर भी बधिर थी और वे आपस में इशारों में बातें किया करते थे. वे अपने बेटे से, जो सुन सकता था, बात करने के लिए इशारों और भाषा का इस्तेमाल किया करते थे.
रॉबर्ट फ्रेडरिक पनारा के बारे में
- वर्ष 1965 में, रॉबर्ट फ्रेडरिक ने बधिरों के लिए अमेरिका के पहले राष्ट्रीय बधिर तकनीकी संस्थान (NTID) की स्थापना करने में मदद की. राष्ट्रीय बधिर तकनीकी संस्थान अमेरिकी कांग्रेस के अधिनियम द्वारा बनाई गई और रोचेस्टर प्रौद्योगिकी संस्थान का हिस्सा हो गया है.
- वर्ष 1960 के दशक में, पनारा ने राष्ट्रीय बधिर थिएटर की स्थापना में मदद की. जो एक सम्मानित कंपनी बनी हुई है.
- वर्ष 1948 में, पनारा न्यूयॉर्क विश्वविद्यालय से अंग्रेजी में स्नातकोत्तर की डिग्री प्राप्त करने वाले पहले बधिर व्यक्ति थे.
- इटली आप्रवासियों के बेटे रॉबर्ट फ्रेडरिक पनारा का जन्म ब्रोंक्स में 8 जुलाई 1920 को हुआ था.
पनारा द्वारा लिखित कुछ किताबें और कविता
कविता: आन हिज डीफनेस (वर्ष 1946) में और आन हिज डीफनेस और अदर मेलोडीज अनहियर्ड (वर्ष 1997)
पुस्तकें: द साइलेंट म्यूस: एन एंथ्रोलोजा ऑफ प्रोज एंड पोइट्री बाय द डीफ (1960) और द ग्रेट डीफ अमेरिकंस
वर्ष 2007 में हैरी लैंग द्वारा लिखित ‘टीचिंग फ्राम द हर्ट एंड सोल’ पनारा की जीवनी है.

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