बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की अध्यक्षता वाली मंत्रिमंडल ने सवर्ण आयोग के गठन की मंजूरी 27 जनवरी 2011 को प्रदान की. इस आयोग का कार्य राज्य के शैक्षणिक व आर्थिक रूप से पिछड़े सवर्णो की स्थिति का जायजा लेकर अपनी रिपोर्ट तैयार करना है. रिपोर्ट तैयार करने के साथ-साथ आयोग की यह जिम्मेदारी भी है कि वह उन उपायों को भी बताए, जिससे आर्थिक व शैक्षणिक रूप से बदहाल सवर्णो की स्थिति में सुधार हो सके. सवर्ण आयोग में एक अध्यक्ष, एक उपाध्यक्ष व तीन सदस्य होंगे. देश के इतिहास में यह पहला मौका है, जब सवर्णों के लिए किसी आयोग का गठन हुआ.
विदित हो कि सवर्ण आयोग के गठन पहले प्रदेश में पिछड़ा व अति पिछड़ा वर्ग आयोग और महादलित आयोग काम कर रहा है. जदयू व भाजपा ने अपने चुनाव घोषणा पत्र में सवर्ण आयोग के गठन की बात कही थी.
Comments
All Comments (0)
Join the conversation