सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) और बोर्ड गार्ड बांग्लादेश (बीजीबी) 24 अगस्त 2014 को प्रत्येक छह माह पर वल्नरबिलिटी मैपिंग करने को राजी हो गए. इसे समन्वित सीमा प्रबंधन योजना के तहत कार्यान्वित किया जाएगा ताकि नशीली दवाओं और मानव तस्करी समेत अन्य सीमा पार अपराधों पर अंकुश लागाया जा सके.
नई दिल्ली में 39वीं बॉर्डर को–ऑर्डिनेशन कान्फ्रेंस में दोनों बलों के बीच समझौते पर सहमति हुई. कान्फ्रेंस में बीएसएफ प्रमुख डीकी पाठक के नेतृत्व में भारतीय प्रतिनिधिमंडल शामिल हुआ था जबकि 20 सदस्यों वाले बांग्लादेश के प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व बीजीबी के महानिदेशक अजीज अहमद कर रहे थे.
दोनों पक्षों के प्रतिनिधिमंडलों में विदेश मामलों एवं गृह मत्रालयों के उच्च अधिकारी के साथ नारकोटिक्स नियंत्रण एवं भूमि रिकॉर्ड एवं सर्वेक्षण और संयुक्त नदी आयोग के अधिकारी भी थे.
कान्फ्रेंस में जिन अन्य मुद्दों पर चर्चा की गई वे हैं–
- सीमा पर हिंसा को रोकने और मृत्यु दर को शून्य के स्तर पर लाने के लिए संयुक्त प्रयास.
- पशु तस्करी के लिए संवेदनशील इलाकों में अतिरिक्त सतर्कता.
- संवेदनशील इलाकों में खासकर रात में समन्वित गश्त बढ़ाना.
- विभिन्न स्तरों पर त्वरित प्रतिक्रिया की तैनाती.
- अंतरराष्ट्रीय सीमा की पवित्रता के बारे में सीमा पर रहने वालों को शिक्षित करना.
- नशीले पदार्थों और दवाओं जैसे फेंसिडायल, जाली नोट और सोने की तस्करी को रोकने के लिए कार्य योजना.
- सीमा पार अपराधों के खिलाफ रीयल टाइम इंटेलिजेंस साझा करना.
- इसके अलावा, चर्चा के विषय में जनवरी 2011 में 15 वर्ष की एक बांग्लादेशी लड़की को गोली मारे जाने वाले फीलानी खातून मामले की शीघ्र और निष्पक्ष सुनावई भी शामिल थी. इस मामले में बीएसएफ का एक कांस्टेबल आरोपी है.
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