राजस्थान की मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे ने देश की पहली जैतून तेल की रिफाइनरी का बीकानेर जिले के लूनकरणसर में 3 अक्टूबर 2014 को लोकार्पण किया.
लूनकरणसर में जैतून तेल की रिफाइनरी की स्थापना के साथ ही राजस्थान ऑलिव ऑयल का उत्पादन करने वाला देश का पहला राज्य हो गया. यहां से उत्पादित तेल का ब्रांड नाम ‘राज ओलिव आयल’ (‘Raj Olive Oil’) रखा गया है.
यहां जैतून की रिफाइनरी शुरू कराने के लिए इजराइल से विशेषज्ञों का दल भी आया है. इसका संयंत्र इटली से आयात किया गया है जिसकी लागत करीब तीन करोड़ 58 लाख रूपए है.
लूनकरणसर में औषधीय पेड़ों से तेल उत्पादन की दिशा में यह बड़ा कदम है. लूनकरणसर में करीब छह हैक्टेयर में जैतून के 11 हजार पौधे लगे हैं.
राजस्थान राज्य के कृषि विभाग के अनुसार वर्ष 2013 में राजस्थान में करीब 80 टन जैतून की पैदावार हुई. राजस्थान के बीकानेर, अलवर, श्रीगंगानगर तथा नागौर जिलों में करीब 280 हैक्टेयर में जैतून की खेती हो रही है जिसे बढ़ा कर लगभग 5 हजार हैक्टेयर करने का लक्ष्य रखा गया है.
राजस्थान में पैदा हो रहे जैतून के फलों को लूनकरणसर स्थित रिफाइनरी में भेजा जाएगा जहां तेल निकाला जाएगा. जैतून का तेल मधुमेह और हदय रोग के लिए उपयोगी माना जाता है.
विश्व में जोर्डन, अल्जीरिया, टयूनिशिया, मोरक्को, टर्की, सीरिया, लीबिया, पूर्तगाल, ग्रीस, इजराइल और स्पेन में जैतून तेल का उत्पादन होता है और भारत में अब तक इन देशों से तेल का आयात किया जाता है. लूनकरणसर में इसकी रिफाइनरी शुरू हो जाने से भारत को जैतून के तेल के आयात पर पैसा कम खर्च करना पडेगा.
राजस्थान में आलिव ऑयल की रिफाइनरी स्थापित होने से मरूस्थलीय इलाके में जैतून की खेती करने वाले किसान समृद्ध होंगे. मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे वर्ष 2005 में इजराइल गई थी तब उन्होंने उस समय गुजरात के मुख्यमंत्री नरेन्द्र मोदी के साथ वहां जैतून की खेती और रिफाइनरी देखी थी.
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