भारत और कनाडा के मध्य इस्पात क्षेत्र में सहयोग बढ़ाने के लिए एक समझौता किया गया. राष्ट्रीय इस्पात निगम लिमिटेड (आरआईएनएल) और मैकमास्टर विश्वविद्यालय, कनाडा के मध्य इस्पात बनाने, निम्न श्रेणी मेग्नेटाइट से पेलेट और प्रशिक्षण और अनुसंधान के क्षेत्र में आदान-प्रदान बढ़ाने हेतु सहमति पत्र पर 16 जुलाई 2013 को हस्ताक्षर किए गए.
केंद्रीय इस्पात मंत्री बेनी प्रसाद वर्मा के नेतृत्व में एक उच्च स्तरीय प्रतिनिधिमंडल की कनाडा की यात्रा के दौरान यह समझौता किया गया. यह उच्च स्तरीय प्रतिनिधिमंडल कनाडा के दौरे पर 15 जुलाई 2013 को पहुंचा. एक सप्ताह के इस दौरे का उद्देश्य दोनों देशों के संगठनों के मध्य कोकिन्ग कोयले और लौह इस्पात खनिज के क्षेत्र में खोज और अधिग्रहण के क्षेत्र में सहयोग और बढ़ाना है, जिससे भारतीय इस्पात उद्योग के दीर्घकालिक विकास में सहयोग प्राप्त होना है. इसके साथ ही अनुसंधान और विकास गतिविधि और बौद्धिक संपदा अधिग्रहण के क्षेत्र में सहयोग को और बढ़ाना भी शामिल है. इस प्रतिनिधिमंडल में इस्पात सचिव डीआरएस चौधरी और संयुक्त सचिव (इस्पात) लोकेश चंद्र भी शामिल हैं.
विदित हो कि इस प्रकार के सहयोग से सरकार को अगले कुछ वर्षों में 200 मिलियन टन क्षमता बढ़ाने के लक्ष्य को प्राप्त करने में सहायता प्राप्त होनी है.
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