भारत और बांगलादेश के गृहसचिवों की 14 वीं बैठक नई दिल्ली में 19 से 22 जुलाई 2013 के मध्य आयोजित की गई. भारतीय प्रतिनिधिमण्डल का नेतृत्व भारत सरकार के केन्द्रीय गृहसचिव अनिल गोस्वामी ने किया. बांगलादेश के प्रतिनिधिमण्डल का नेतृत्व बांगलादेश सरकार के गृह मंत्रालय के वरिष्ठ सचिव सीक्यूके मुश्ताक ने किया.
14 वीं बैठक में दोनों देशों के गृहसचिवों मध्य वार्ता के मुख्य बिदु
• दोनों गृह सचिवों ने भारत और बांगलादेश के बीच के द्विपक्षीय संबंधों को आगे बढ़ाने के प्रति प्रतिबद्धता दोहरायी. उन्होंने इस बात पर सहमति व्यक्त की कि सुरक्षा और सीमा प्रबंधन के क्षेत्र में द्विपक्षीय सहयोग और प्रत्यर्पण संधि सहित चार समझौतों पर हस्ताक्षर करने से दोनों देशों के मध्य मजबूती आई है.
• दोनों गृह सचिवों ने 18 जुलाई 2013 को सुरक्षा से जुड़े मामलों पर जेडब्ल्यूजी की 13वीं बैठक के नतीजों का भी आकलन किया. इस बैठक में दोनों देशों ने सुरक्षा, सीमा प्रबंधन, सीमा पर गोलोबारी के चलते मौत की घटनाओं, आपसी समझौतों के क्रियान्वयन, स्थल सीमा समझौते में सुधार, वीजा से संबंधित मामले, क्षमता विकास जैसे कई मसलों पर बातचीत की.
• दोनों गृह सचिवों ने एक दूसरे की जमीन का आपसी हितों के खिलाफ इस्तेमाल न होने देने के लिए प्रतिबद्धता जताई.
• वांछित अपराधियों तथा भगोड़ों की धरपकड़ करने में सहयोग करने के लिए दोनों ओर से सहमति हुई. बांगलादेश के गृह सचिव ने बांगलादेश के राष्ट्रपिता शेख मुजीबर रहमान के बंगबंधु के हत्यारों को तुरंत पकड़ने का अनुरोध किया गया. भारत के गृह सचिव ने यह आश्वासन दिया कि भारत इस संबन्ध में सभी संभव सहयोग देगा.
• दोनों पक्षों ने नियोजित सीमा प्रबंधन योजना (सीबीएमपी) के सुचारू रूप से संचालन पर संतोष जताया और सीमा पर आपराधिक गतिविधियों पर नजर रखने के लिए नियोजित पैट्रोलिंग की संख्या बढ़ाने पर सहमत हुए. दोनों ने उम्मीद जताई कि इससे दोनों देशों के सीमा सुरक्षा बलों में आपसी सहयोग की भावना बढ़ेगी.
• दोनों पक्षों ने पाया कि सीबीएमपी के सही क्रियान्वयन से सीमा पर घटनाओं में कमी आई है.
• दोनों पक्षों ने बेहतर सीमा प्रबंधन के अतिरिक्त उपाय के लिए बांगलादेश के ब्राहमणबरिया जिले और भारत के पश्चिम त्रिपुरा जिले के बीच हाल ही में हुए डीसी-डीएम सम्मेलन का स्वागत किया.
• दोनों पक्ष स्थानीय मुद्दों को सुझाने के लिए सीमा से लगे जिलों के डीएम और डीसी के बीच लगातार सम्पर्क बनाए रखने पर सहमत हुए.
• दोनों पक्ष सीमा प्रबंधन की जमीनी हकीकत के बारे में मीडिया को भी संवेदनशील बनाने पर भी सहमत हुए.
• मानव तस्करी, ड्रग्स, इंटरपोल आदि जैसे सहयोग के विभिन्न क्षेत्रों में विभिन्न नोडल बिंदुओं की गतिविधियों को और गहराई से चलाने के लिए दोनों और से समहति हुई.
• दोनों ओर से ड्रग्स की तस्करी को रोकने तथा प्रतिबन्ध पर सहयोग देने पर संतोष व्यक्त किया गया. खुफिया जानकारी देने में सहयोग करने इसका विस्तार करने तथा इसे सुदृढ़ करने पर भी सहमति व्यक्त की गई.
• दोनों पक्षों ने महसूस किया कि बंगलादेश की प्रधानमंत्री शेख हसीना की 2010 में भारत यात्रा के दौरान हुए आपराधिक मामलों में आपसी कानूनी सहायता, सज़ा पा चुके व्यक्तियों के स्थानांतरण तथा आतंकवाद और मादक पदार्थों की तस्करी पर अंकुश सहित तीनों समझौतों पर संतोषजनक ढंग से अमल हो रहा है. दोनों गृहमंत्रियों ने सज़ा काट चुके कैदियों के सत्यापन और प्रत्यावर्तन की व्यवस्था की समीक्षा की.
• दोनों पक्षों ने इच्छा व्यक्त की कि एक दूसरे की जेल में सज़ा काट रहे व्यक्तियों को बाकी सज़ा पूरी करने के लिए अपने देश भेजने संबंधी समझौते को शीर्घ कार्यान्वित करने की कोशिश की जाए.
• दोनों पक्षों ने इस बात पर सहमति व्यक्त की कि साइबर अपराध निरोध और फॉरेंसिक जांच-पड़ताल से जुड़े प्रशिक्षण के लिए सहयोग बढ़ाया जाना चाहिए तथा सद्भावना दौरों की संख्याएं भी बढ़ाई जानी चाहिए.
• बंगलादेश के गृहमंत्री ने गृहसचिव स्तर की 15वीं वार्ता के लिए भारत के गृह सचिव को बंगलादेश आमंत्रित किया. इसके लिए दोनों पक्ष आपसी सहमति से तारीख तय कर लेंगे.
विदित हो कि बांगलादेश के गृहमंत्री ने फरवरी और दिसम्बर 2012 में भारत की यात्रा की जबकि भारत के गृहमंत्री ने जुलाई 2011 और जनवरी 2013 में बांगलादेश की यात्रा की थी. इसके अलावां दोनों देशों के प्रधानमंत्रियों ने एक दुसरे देशों की भी यात्राएं की थी. ये यात्राएं सुरक्षा सहयोग में विशेष रूप से द्विपक्षीय संबंधों में नई गतिशीलता प्रदान की है.
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