भारत के ये शहर अक्सर होते हैं बाढ़ के शिकार, देखें नाम

Sep 4, 2025, 14:42 IST

भारत के पटना, गुवाहाटी और मुंबई जैसे शहर मॉनसून की बारिश, नदियों में उफान और खराब शहरी जल निकासी के कारण बाढ़ के प्रति बहुत संवेदनशील हैं। हाल की घटनाएं, जैसे कि अगस्त 2025 में उत्तरकाशी में बादल फटने की घटना, हिमालयी क्षेत्रों में अचानक आने वाली बाढ़ के बढ़ते खतरे को दिखाती हैं। अनियोजित शहरीकरण और जलवायु परिवर्तन के कारण मौसम की गंभीर घटनाएं इन विनाशकारी प्राकृतिक आपदाओं को और भी खतरनाक बना देती हैं। इससे हर साल लाखों लोग प्रभावित होते हैं।

भारत के बाढ़ प्रभावित शहर
भारत के बाढ़ प्रभावित शहर

भारत में बाढ़ सबसे आम और विनाशकारी प्राकृतिक आपदाओं में से एक है। इससे हर साल लाखों लोग प्रभावित होते हैं और बुनियादी ढांचे को भारी नुकसान पहुंचता है। मॉनसून की बारिश, नदियों में उफान और जलवायु परिवर्तन के कारण मौसम की गंभीर घटनाओं की वजह से भारत के कई शहर अब भी बाढ़ के खतरे का सामना कर रहे हैं।

भारत के प्रमुख बाढ़-संभावित शहर

भारत में बाढ़ के जोखिम वाले शहरी क्षेत्र नदी घाटियों, तटीय इलाकों और खराब जल निकासी वाले शहरी क्षेत्रों में फैले हुए हैं। नीचे दी गई तालिका में पिछली घटनाओं, भौगोलिक स्थिति और बार-बार आने वाली बाढ़ के आधार पर भारत के कुछ सबसे ज्यादा प्रभावित शहरों की जानकारी दी गई है:

शहर

राज्य

बाढ़ के मुख्य कारण

बाढ़-संभावित विशेषताएं

पटना

बिहार

गंगा नदी में उफान

निचला जलोढ़ मैदान, हर साल मॉनसून में बाढ़

गुवाहाटी

असम

ब्रह्मपुत्र नदी में उफान

बाढ़ के मैदान में स्थित, भारी मॉनसून बारिश

कोलकाता

पश्चिम बंगाल

हुगली नदी, ज्वार के कारण बाढ़

डेल्टा क्षेत्र, ज्वार का प्रभाव, घनी शहरी आबादी

मुंबई

महाराष्ट्र

तटीय इलाकों में अचानक बाढ़, बादल फटना

भारी मॉनसून बारिश वाला तटीय शहर, खराब जल निकासी

चेन्नई

तमिलनाडु

नदियों में उफान, शहरी बाढ़

नदी के मुहाने पर तटीय मैदान, जलमार्गों पर अतिक्रमण

लखनऊ

उत्तर प्रदेश

गोमती नदी में उफान

नदी का बाढ़ क्षेत्र, अपर्याप्त जल निकासी

सूरत

गुजरात

तापी नदी में बाढ़

तटीय और नदीय बाढ़

श्रीनगर

जम्मू और कश्मीर

झेलम नदी में बाढ़

घाटी क्षेत्र में नदीय और अचानक आने वाली बाढ़

दिल्ली

दिल्ली

यमुना नदी में उफान

शहरी बाढ़, निचले इलाकों में बाढ़

कोच्चि

केरल

भारी मॉनसून बारिश

खराब जल निकासी नेटवर्क वाला तटीय शहर

अनियोजित शहरी विकास, जाम नाले और जलवायु परिवर्तन के कारण अत्यधिक बारिश की घटनाओं में बढ़ोतरी से बाढ़ का प्रभाव और भी बढ़ जाता है।

कारण और चुनौतियां

भारतीय शहरों में बाढ़ के कारण भारी मॉनसून बारिश, उफनती नदियां, बादल फटना (खासकर हिमालयी इलाकों में) और शहरी क्षेत्रों में जल निकासी व्यवस्था का विफल होना है। ज्यादातर शहरों में अचानक बादल फटने से अचानक बाढ़ आ जाती है। यह किसी खास जगह पर होने वाली भारी बारिश होती है, जिससे निपटने के लिए जल निकासी व्यवस्था सक्षम नहीं होती।

तेजी से होते शहरीकरण के कारण प्राकृतिक जल निकायों और आर्द्रभूमि पर हुए अतिक्रमण ने बाढ़ की समस्या को और भी गंभीर बना दिया है।

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Kishan Kumar
Kishan Kumar

Senior content writer

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