भारत का पहला स्वदेशी पनडुब्बी रोधी पोत (एएसडब्ल्यू) भारतीय नौसेना युद्धपोत (आईएनएस) कामरोटा को गार्डन रीच शिपबिल्डर्स एंड इंजीनियर्स (जीआरएसई) ने 12 जुलाई 2014 को भारतीय नौसेना को कोलकाता में सौंपा. इस जहाज को एक छोटे समारोह में जीआरएस के प्रबंध निदेशक और अध्यक्ष रियर एडमिरल (सेवानिवृत्त) ए के वर्मा ने जीआरएसई के फिटिंग आउट जेट्टी में सौंपा.
आईएनएस कामरोटा चार एएसडब्ल्यू वाहक में अपनी श्रेणी का पहला है जिसका निर्माण जीआऱएसई ने नौसेना के लिए प्रोजेक्ट– 28 के तहत बनाया है. यह देश में बना पहला युद्धपोत है जिसमें लगभग 90 फीसदी सामान स्वदेशी है.
यह गुप्त सुविधाओं के साथ हथियारों से लैस है और पहला युद्धपोत जिसमें ट्रेनेबल चैफ लांचर– कवच है. इसके अलावा, हथियारों की भारी संख्या भी मौजूद है. इसमें हेवीवेट टॉरपीडो, एएसडब्ल्यू रॉकेट, 76 एमएम की मध्यम रेंज वाली बंदूक और क्लोज–इन वेपन सिस्टम वाली दो बंदूकों के साथ अग्नि नियंत्रक प्रणाली, चैफ प्रणालियां भी हैं.
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