भारत की राजधानी दिल्ली के 68.2 प्रतिशत लोगों के पास अपना घर है जबकि 28 प्रतिशत लोगों किराये के मकान में रहते हैं. दिल्ली में मकानों की संख्या व हालत से संबंधित वर्ष 2011 जनगणना रिपोर्ट के आंकड़े 7 मई 2012 को जारी किए गए. इन आंकड़ों के आधार पर दिल्ली में मकानों की कुल संख्या 4605555 है, जिनमें से 512691 मकान खाली हैं.
दिल्ली में मकानों की संख्या व हालत से संबंधित रिपोर्ट के अनुसार दिल्ली के कुल मकानों में 88.9 प्रतिशत मकान ही ऐसे हैं जहां लोग निवास कर रहे हैं. दिल्ली के 77.6 प्रतिशत मकानों का प्रयोग लोग आवास के रूप में कर रहे हैं बाकी मकानों का प्रयोग कार्यालय, दुकान, डिस्पेंसरी, फैक्टरी आदि के रूप में किया जा रहा है. कुल मकानों में से 65 प्रतिशत मकान ही अच्छी हालत में हैं.
दिल्ली में लगभग 46 लाख मकानों में से शहरी क्षेत्र में मकानों की संख्या 4481133 और ग्रामीण क्षेत्रों में 490135 है. पूरे दिल्ली में 11.1 प्रतिशत मकान खाली पड़े हैं. खाली पड़े मकानों में ग्रामीण क्षेत्र में 18.1 और शहरी क्षेत्र में 10.9 प्रतिशत मकान खाली हैं. शहरी क्षेत्र में 66 व ग्रामीण क्षेत्र में 55 प्रतिशत मकान अच्छी हालत में हैं. जनगणना के अनुसार दिल्ली के 31.4 प्रतिशत मकान केवल रहने लायक हैं, जबकि 2.8 प्रतिशत मकानों की हालत खस्ता है. दिल्ली के कुल मकानों में 32.2 प्रतिशत मकानों में मात्र एक कमरा है जबकि दो कमरों के मकानों की संख्या 29.6 प्रतिशत, तीन कमरों के मकानों की संख्या 20 प्रतिशत, चार कमरों के मकानों की संख्या 10.4 प्रतिशत है. पांच व छह कमरों के मकानों की संख्या तीन से साढ़े तीन प्रतिशत है.
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