भारत के प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह की तीन दिवसीय म्यांमार यात्रा (27-29 मई, 2012) संपन्न हुई. भारत के किसी प्रधानमंत्री द्वारा म्यांमार की राजकीय यात्रा 25 वर्षों के अंतराल पर हुई. प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के साथ उनकी पत्नी गुरशरण कौर भी गई थीं.
म्यांमार के राष्ट्रपति थीन सीन और प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के मध्य हुई बैठक के बाद दोनों देशों के बीच द्विपक्षीय सहयोग के तहत प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने म्यांमार को 50 करोड़ डॉलर की ऋण सहायता देने की घोषणा की. प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह की म्यांमार की ऐतिहासिक यात्रा के दौरान इस घोषणा के साथ-साथ दोनों देशों ने व्यापार, ऊर्जा, यातायात संपर्क जैसे क्षेत्रों में सहयोग के कुल 15 समझौते भी किए.
भारत के प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह और म्यांमार के राष्ट्रपति थीन सीन के नेतृत्व में दोनों देशों के प्रतिनिधि मंडल स्तर पर व्यापक चर्चा हुई और द्विपक्षीय संबंधों की विस्तृत समीक्षा की गई. दोनों देशों के मध्य हुए महत्वपूर्ण समझौते निम्नलिखित हैं:
(i) 500 मिलियन अमरीकी डालर की ऋण श्रृंखला से संबंधित समझौता ज्ञापन
(ii) भारत और म्यांमार के बीच हवाई सेवा करार
(iii) भारत – म्यांमार सीमावर्ती क्षेत्र विकास पर समझौता ज्ञापन
(iv) संयुक्त व्यापार और निवेश मंच की स्थापना पर समझौता ज्ञापन
(v) उच्च कृषि अनुसंधान एवं शिक्षा केन्द्र (एसीएआरई) की स्थापना पर समझौता ज्ञापन
(vi) म्यांमार के कृषि अनुसंधान विभाग में चावल जैव पार्क (धान तथा ग्रामीण समृद्धि) की स्थापना पर समझौता ज्ञापन
(vii) म्यांमार सूचना प्रौद्योगिकी संस्थान (एमआईआईटी) की स्थापना किए जाने हेतु समझौता ज्ञापन
(viii) कलकत्ता विश्वविद्यालय, कोलकाता और डागोन विश्वविद्यालय, यंगून के बीच समझौता ज्ञापन
(ix) भारतीय विश्व कार्य परिषद (आईसीडब्ल्यूए) और म्यांमार सामरिक एवं अंतर्राष्ट्रीय अध्ययन संस्थान (एमआईएसआईएस) के बीच सहयोग पर समझौता ज्ञापन
(x) रक्षा अध्ययन एवं विश्लेषण संस्थान (आईडीएसए) तथा म्यांमार सामरिक एवं अंतर्राष्ट्रीय अध्ययन संस्थान (एमआईएसआईएस) के बीच सहयोग करार
(xi) सांस्कृतिक आदान-प्रदान कार्यक्रम (2012-15)
(xii) भारत और म्यांमार के सीमावर्ती क्षेत्रों में सीमा हाटों की स्थापना पर समझौता ज्ञापन
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