भारत के सीएजी–शशि कांत शर्मा ने यूएन बोर्ड ऑफ ऑडिटर्स के सदस्य का प्रभार संभाला

Jul 30, 2014, 14:09 IST

भारत के नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक, शशि कांत शर्मा ने 25 जुलाई 2014 को संयुक्त राष्ट्र के बोर्ड ऑफ ऑडिटर्स के सदस्य के रूप में पदभार संभाला.

भारत के नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक, शशि कांत शर्मा ने 25 जुलाई 2014 को संयुक्त राष्ट्र के बोर्ड ऑफ ऑडिटर्स के सदस्य के रूप में पदभार संभाला. उनका कार्यकाल छह वर्षों का होगा और वे इस पद पर जून 2020 तक बने रहेंगें.

शशि कांत शर्मा ने न्यूयॉर्क स्थित संयुक्त राष्ट्र मुख्यालय में चीन के पीपुल्स रिपब्लिक के महालेखा परीक्षक लीयू जीयाई का स्थान लिया. इस पद के लिए उनका चुनाव नवंबर 2013 में फिलिपिंस को 62 वोटों से हराने के बाद हुआ था.

यूएन बोर्ड ऑफ ऑडिटर्स
संयुक्त राष्ट्र महासभा ने यूनएन बोर्ड ऑफ ऑडिटर्स की स्थापना संयुक्त राष्ट्र संगठनों और उसके वित्त एवं कार्यक्रम  के खातों की निरीक्षण करने एवं अपनी रिपोर्ट एवं सिफारिशें संयुक्त राष्ट्र महासभा को सौंपने के लिए की थी.

इस उद्देश्य के लिए महासभा तीन सदस्यों को चुनता है– जिनमें से प्रत्येक को अपने देश का अनिवार्य रूप से महालेखा परीक्षक होना चाहिए. शशि कांत शर्मा के अलावा बोर्ड के अन्य दो सदस्य हैं, ग्रेट ब्रिटेन और उत्तरी आयरलैंड के नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक अमयास मोर्स और तंजानिया के नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक लुडोविक यूथो.

सीएजी का अंतरराष्ट्रीय लेखा परीक्षा अनुभव
भारत का सीएजी विभिन्न अंतरराष्ट्रीय संगठनों का बाहरी परीक्षक रह चुका है. वर्तमान में, यूएन बोर्ड ऑफ ऑडिटर्स का सदस्य होने के अलावा, यह विश्व खाद्य कार्यक्रम, विश्व बौद्धिक संपदा संगठन, अंतरराष्ट्रीय परमाणु ऊर्जा एजेंसी, यूएन विश्व पर्यटन संगठन और अंतरराष्ट्रीय प्रवास संगठन का बाहरी परीक्षक है.

इसके अलावा विश्व स्वास्थ्य संगठन, खाद्य एवं कृषि संगठन, अंतरराष्ट्रीय समुद्र संगठन, रसायनिक हथियार निषेध संगठन आदि जैसे संयुक्त राष्ट्र एजेंसियों के लिए भी बाहरी परीक्षक रह चुका है.

भारत के फायदे

  • यूएन बोर्ड ऑफ ऑडिटर्स संयुक्त राष्ट्र के निरीक्षण अंगों में प्रमुख है और हाल के वर्षों में इसका महत्व बहुत बढ़ा है. खासकर आर्थिक मंदी के दौर में सभी सदस्य देशों द्वारा सामना की जा रही संसाधनों की कमी की स्थिति में.
  • बोर्ड की रिपोर्ट यूएन प्रणाली के तहत नीति– निर्माण में महत्वपूर्ण इनपुट प्रदान करती हैं.
  • भारत के नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक का यूएन बोर्ड ऑफ ऑडिटर्स में चुना जाना यूएन प्रणाली में भारत की दखल को बढ़ाएगा.
  • संयुक्त राष्ट्र और उसकी एजेंसियों के अधिकांश चुनावों के विपरीत इस चुनाव में एक संस्था का शामिल होना दुर्लभ मामला था.
  • भारत के सीएजी को अब संयुक्त राष्ट्र संगठनों के लेखा परीक्षा का अधिकार होगा जिसमें सबसे प्रमुख है संयुक्त राष्ट्र का मुख्यालय.
  • संयुक्त राष्ट्र प्रणाली के तहत आने वाली अंतरराष्ट्रीय संगठनों का लेखा परीक्षा करने से भारत के नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक को न सिर्फ संयुक्त राष्ट्र के संचालन में मूल्य वृद्धि करेंगे बल्कि उनके खुद के अधिकारियों को सर्वश्रेष्ठ अंतरराष्ट्रीय लेखापरीक्षा और लेखा प्रथाओं के बारे में जानकारी मिलेगी जिससे उनका पेशेवर कौशल बढ़ेगा.
  • ऐसे पेशवरों का भारत में काम करना लेखा परीक्षा और लेखा की उच्च गुणवत्ता दिखाएगा और भारत में जवाबदेही, पारदर्शिता और बेहतर प्रशासन को बढ़ावा मिलेगा.

संयुक्त राष्ट्र के लिए फायदे
संयुक्त राष्ट्र और उसकी एजेंसियों और अन्य अंतरराष्ट्रीय संगठनों भारत के सीएजी के लेखा परीक्षकों का लेखा परीक्षा का व्यापक अनुभव संयुक्त राष्ट्र के भीतर उसकी प्रमुख जोखिम वाले क्षेत्रों में परिचालन में अधिक क्षमता, अर्थव्यवस्था और प्रभाव को बढ़ाने में सहयोग करेगा.
फिलहाल संयुक्त राष्ट्र वित्तीय रिपोर्टिंग और एसएपी आधारित इंटरप्राइट रिसोर्ट प्लानिंग सॉल्यूशन के लिए अंतरराष्ट्रीय सार्वजनिक क्षेत्र के लेखा मानकों (आईपीएसएएस) की ओर पलायन कर बिजनेस प्रॉसेस ट्रांस्फॉर्मेशन की प्रक्रिया में है.
भारत के सीएजी के पास आईपीएसएएस में विशेषज्ञता वाले लेखापरीक्षा पेशेवरों का पूल है जिन्होंने विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ), अंतरराष्ट्रीय समुद्री संगठन (आईएमओ) और अंतरराष्ट्रीय पलायन संगठन (आईओएम) को आईपीएसएएस के अनुरूप वित्तीय लेखांकन प्रणाली में पलायन करने में सहयोग किया था.
भारत का सीएजी आईटी प्रणालियों में लेखा परीक्षा में विशेषज्ञता के लिए जाना जाता है. आईपीएसएस और ईआरपी प्रणालियों के ऑडिट में दोहरी क्षमता संयुक्त राष्ट्र के आईपीएसएस पलायन प्रक्रिया और एसएपी प्रणाली (यूएमओजेए) के कार्यान्वयन लिए बहुमूल्य साबित होगी.

नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक के बारे में

  • भारत के नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक संविधान के अनुच्छेद 148–151 में उल्लिखित है.
  • यह विश्व का सबसे बड़ा ऑडिट संस्थानों में से एक है. इसके पास बड़ी संख्या में मानव संसाधन है जिसमें विभिन्न क्षेत्रों के पेशेवर योग्य लोग हैं.
  • सुप्रीम ऑडिट संस्थानों के अंतरराष्ट्रीय समुदायों में बेहद प्रतिष्ठित भारत का सीएजी अनेक मानक स्थापित करने वाली समितियों और उपसमितियों का सदस्य होने के अलावा ज्ञान साझा समिति का प्रमुख है. यह समिति इंटरनेशनल ऑर्गेनाइजेशन ऑफ सुप्रीम ऑडिट इंस्टीट्यूशंस (INTOSAI- आईएनटीओएसएआई) के चार प्रमुख समितियों में से एक है.
  • वह आईएनटीओएसएआई (INTOSAI) के गवर्निंग बोर्ड भी है.
  • वह यूएन के बाहरी लेखा परीक्षकों के पैनल के सदस्य है.
  • सीएजी एशियन ऑर्गेनाइजेशन ऑफ सुप्रीम ऑडिट इंस्टीट्यूशंस (ASOSAI) के भी प्रमुख है.
  • सीएजी एसएआई समुदाय द्वारा बड़े पैमाने पर विभिन्न क्षेत्रों में मानकों, अभ्यासों एवं मार्गदर्शन स्थापित करने वाली गतिविधियों के लेखा परीक्षा की गतिविधियों से भी जुडा हुआ है.
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Education Desk

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