तीस मीटर टेलीस्कोप (टीएमटी) परियोजना में भारत पूर्ण सदस्य के रूप में 2 दिसंबर 2014 को शामिल हो गया. इस के साथ, भारत हवाई द्वीप के मौना में दुनिया के सबसे बड़े टेलीस्कोप का निर्माण करने के लिए संयुक्त राज्य अमेरिका, चीन, जापान और कनाडा सहित विशिष्ट देशों के समूह में शामिल हो गया.
विज्ञान और प्रौद्योगिकी मंत्रालय के तहत विज्ञान और प्रौद्योगिकी विभाग (डीएसटी) के सचिव, के विजय राघवन के टीएमटी अंतर्राष्ट्रीय वेधशाला (टीआईओ) के दस्तावेजों पर हस्ताक्षर करने के बाद भारत इस परियोजना का पूर्ण सदस्य बन गया.
बेंगलूर स्थित इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ एस्ट्रोफिजिक्स (आईआईए), नैनीताल स्थित आर्यभट्ट रिसर्च इंस्टीट्यूट ऑफ ऑब्जर्वेशन साइंस (एआरआईईएस) और पुणे स्थित इंटर यूनिवर्सिटी फॉर एस्ट्रॉनोमी एंड एस्ट्रोफिजिक्स (आईयूसीएए) भी इस परियोजना का हिस्सा होंगे.
परियोजना में भारत का योगदान
सितंबर 2014 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में केंद्रीय मंत्रिमंडल ने टीएमटी परियोजना में भारत की भागीदारी के लिए अपनी मंजूरी दी थीं. भारत टीएमटी परियोजना में वर्ष 2014 से 2023 तक 1299.8 करोड़ रुपये देगा. भारत के अलावा अमेरिका, जापान, चीन और कनाडा भी इस परियोजना में शामिल हैं.
टीएमटी परियोजना के बारे में
तीस मीटर टेलीस्कोप (टीएमटी) का निर्माण हवाई में मौना पर्वत पर 4050 मीटर की ऊंचाई पर स्थापित किया जा रहा है. इसका निर्माण कार्य वर्ष 2022 तक पूरा करने की योजना है.
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