भारत निर्वाचन आयोग ने आम चुनाव 2014 (16वीं लोकसभा) के साथ ही तीन राज्यों- आंधप्रदेश, उड़ीसा और सिक्किम के तिथियों की घोषणा नई दिल्ली में 5 मार्च 2014 को की. यह चुनाव 7 अप्रैल 2014 से 12 मई 2014 के बीच नौ चरणों में कराए जाने हैं. देशभर में मतों को गिनती 16 मई 2014 को की जानी है.
मुख्य निर्वाचन आयुक्त वीएस संपत के अनुसार मतदान 7, 9, 10, 12, 17, 24 और 30 अप्रैल 2014 को तथा 7 और 12 मई 2014 को कराए जाएंगे.
चुनाव की घोषणा के साथ ही दलों और सरकारों के लिए आदर्श आचार संहिता तत्काल प्रभाव से लागू हो गई. मतदाता सूचियों को एक जनवरी 2014 तक अद्यतन किया गया है और सभी राज्यों में प्रकाशित किया गया है. नोटा (उपरोक्त में से कोई नहीं) विकल्प का इस्तेमाल लोकसभा चुनाव में पहली बार किया जाएगा.
16वीं लोकसभा चुनाव में कुल मतदाता 81.4 करोड़ हैं, जो 15वीं लोकसभा चुनाव से करीब 10 करोड़ अधिक हैं. 15वीं लोकसभा चुनाव वर्ष 2009 में 16 से 13 मई के बीच पांच चरणों में हुये थे.
15वीं लोकसभा का कार्यक्राल 31 मई 2014 को समाप्त होना है. इसलिए 30 मई 2014 तक 16वीं लोकसभा का गठन हो जाना है.
16वीं लोकसभा चुनाव में उम्मीदवार अधिकतम खर्च 70 लाख रुपये तक खर्च कर सकते हैं.
आम चुनाव 2014 में राज्यवार चुनाव की तिथियां
• उत्तर प्रदेश एवं बिहार: 10, 17, 24 और 30 अप्रैल को व 7 और 12 मई को
• राजस्थान: 17 व 24 अप्रैल
• मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र , झारखंड: 10, 17 व 24 अप्रैल
• गुजरात: 30 अप्रैल
• दिल्ली-हरियाणा: 10 अप्रैल
• चंडीगढ़: 10 अप्रैल
• तमिलनाडु: 24 अप्रैल
• त्रिपुरा: 7 व 12 अप्रैल
• नगालैंड: 9 अप्रैल
• दादरा व नागर हवेली: 30 अप्रैल
16वीं लोकसभा में चुनाव कहां और कब
• 7 अप्रैल- 2 राज्यों के 6 संसदीय क्षेत्रों में
• 9 अप्रैल- 6 राज्यों के 6 संसदीय क्षेत्रों में
• 10 अप्रैल- 14 राज्यों के 92 क्षेत्रों में
• 12 अप्रैल- तीन राज्यों के पांच क्षेत्रों में
• 17 अप्रैल- 13 राज्यों के 122 क्षेत्रों में
• 24 अप्रैल- 12 राज्यों के 117 क्षेत्रों में
• 30 अप्रैल- 9 राज्यों के 89 क्षेत्रों में
• 7 मई- 7 राज्यों के 64 क्षेत्रों में
• 12 मई - 2 राज्यों के 41 संसदीय क्षेत्रों में
पृष्ठभूमि
भारतीय संविधान के भाग 15 में अनुच्छेद 324 से अनुच्छेद 329 तक निर्वाचन की व्याख्या की गई है. भारतीय संविधान के अनुच्छेद 324 में एक चुनाव आयोग की स्थापना का प्रावधान है. जो भारत में चुनावों के संबंध में अधीक्षण, निर्देशन और नियंत्रण करेगा. आयोग की विशेष शक्तियों को भारतीय संसद द्वारा बनाये गये कानूनों के जरिये परिभाषित किया गया है. विधायी क्षेत्र जहां रिक्त हैं वहां पर अनुच्छेद 324 स्वतंत्र एवं निष्पक्ष चुनाव कराने के संबंध में अवशेष शक्तियों का स्रोत है.
वर्ष 1989 तक निर्वाचन आयोग केवल एक सदस्यीय संगठन था लेकिन 16 अक्टूबर 1989 को एक राष्ट्रपति की अधिसूचना के द्वारा दो और निर्वाचन आयुक्तों की नियुक्ति की गई.
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