अमेरिका की कृषि विभाग ने भारत से वर्ष 2012-13 में गेहूं का निर्यात 15 लाख टन होने का अनुमान लगाया. अमेरिका की कृषि विभाग (USDA: US Department of Agriculture) ने फरवरी 2012 में गेहूं के निर्यात मूल्य को ध्यान में रखते हुए यह रिपोर्ट जारी की.
अमेरिका की कृषि विभाग की रिपोर्ट के अनुसार विपणन वर्ष 2011-12 (अप्रैल-मार्च) में कीमतें प्रतिस्पर्धी नहीं होने के कारण भारत से गेहूं का निर्यात मात्र 7,00,000 टन रहने का अनुमान है. चूंकि भारत विश्व का दूसरा सबसे बड़ा गेहूं उत्पादक देश है, इस कारण यदि वैश्विक कीमतों में भारी वृद्धि होती है तो गेहूं निर्यात की संभावना बढ़ जाएगी. हालांकि रिपोर्ट में गेहूं निर्यात की वास्तविक मात्रा भारतीय गेहूं और वैश्विक गेहूं की कीमतों के स्तर पर निर्भर रहने की आशंका जताई गई.
अमेरिकी कृषि विभाग की रिपोर्ट के अनुसार वर्ष 2012-13 में भारत से ज्यादातर गेहूं निर्यात बांग्लादेश, पश्चिम एशिया, अफ्रीका और दक्षिण एशिया जैसे पड़ोसी देशों में निजी निर्यात तक सीमित रहेगा. रिपोर्ट में यह भी बताया गया कि भारत के पास गेहूं का पर्याप्त स्टॉक है लेकिन सरकार द्वारा मात्र 50-60 लाख टन निर्यात की इजाजत दी जा सकती है, वो भी जब अंतरराष्ट्रीय कीमतें लाभदायक हों.
रिपोर्ट के अनुसार वर्ष 2012-13 में गेहूं खरीद सत्र में 3.2 करोड़ टन गेहूं की सरकारी खरीद किए जाने की संभावना है. इस वर्ष गेहूं का उत्पादन 8.75 करोड़ टन होने का अनुमान है जबकि खपत 8.5 करोड़ टन की है.
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