भारतीय जनता पार्टी के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष बंगारू लक्ष्मण को केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो की विशेष न्यायालय ने रिश्वत लेने का दोषी करार दिया और चार साल के कठोर कारावास तथा एक लाख रुपये जुर्माने की सजा सुनाई. बंगारू लक्ष्मण पर एक काल्पनिक रक्षा सौदा मामले में फर्जी कंपनी से रिश्वत लेने का आरोप 28 अप्रैल 2012 को सिद्ध हुआ.
केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो की विशेष न्यायालय के न्यायाधीश कंवलजीत सिंह अरोड़ा ने भ्रष्टाचार निरोधक कानून की धारा नौ के तहत तथा भारतीय दंड संहिता की धारा 163 के तहत बंगारू लक्ष्मण को सजा सुनाई. ज्ञातव्य हो कि 13 मार्च, 2001 को तहलका पोर्टल ने वीडियो सीडी जारी कर तत्कालीन भाजपा अध्यक्ष बंगारू लक्ष्मण को एक लाख रुपये की रिश्वत लेते हुए दिखाया था. इसे आपरेशन वेस्ट एंड नाम दिया गया था.
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