भारतीय नागरिक गोपाल दास को पाकिस्तान के अधिकारियों ने अटारी-वाघा सीमा चौकी पर भारतीय अधिकारियों को 7 अप्रैल 2011 को सौंपा. गोपाल दास 27 वर्षों बाद पाकिस्तान की जेल से रिहा हुए. भारत के सर्वोच्च न्यायालय की अपील को ध्यान में रखते हुए पाकिस्तान के राष्ट्रपति आसिफ अली जरदारी ने 27 मार्च 2011 को मानवीय आधार पर गोपाल दास की बाकी बची सजा माफ कर दी थी. गोपाल दास पंजाब के गुरूदास पुर जिले में स्थित भेनी मियां ख़ान गांव के निवासी हैं.
विदित हो कि वर्ष 1984 में गोपाल दास अनजाने में पाकिस्तानी सीमा में प्रवेश कर गए थे. जहां पाकिस्तानी रेंजर्स ने उन्हें गिरफ़्तार कर लिया. उन पर जासूसी का आरोप लगा और उन्हें वर्ष 1987 आजीवन कारावास की सज़ा दी गई.
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