भारतीय नौसेना ने अपने सबसे बड़े अपतटीय गश्ती जहाज आईएनएस-सरयू का जलावतरण गोवा के वास्को में 21 जनवरी 2013 को किया. इसका कार्य अंडमान निकोबार द्वीपसमूह के आसपास के विशेष आर्थिक क्षेत्रों का समुद्री निरीक्षण करना है. आईएनएस-सरयू अंडमान निकोबार के तट पर तेल के संयंत्रों के लिए सुरक्षित वातावरण उपलब्ध कराने के लिए भी जरूरी है. इस जहाज का प्राथमिक उद्देश्य भारतीय नौसेना की निगरानी जरूरतों को पूरा करना और सामुद्रिक सम्प्रभुता का उल्लंघन रोकना है.
आईएनएस-सरयू का निर्माण गोआ शिपयार्ड लिमिटेड द्वारा किया गया. यह जहाज भारतीय नौसेना का सबसे बड़ा और अपने वर्ग का पहला अपतटीय निरीक्षण जहाज है.यह समुद्र तटीय निरीक्षण जहाजों के नए वर्ग के चार जहाजों में से एक है. इसी वर्ग का दूसरा जहाज मई 2013 तक और इसके बाद अन्य दो जहाज एक-दूसरे से छह माह के अंतराल पर तैनात करने की योजना है.
अन्य तीन जहाजों को भारतीय नौसेना में वर्ष 2014 तक में तैनात करने की योजना है. आईएनएस-सरयू की लंबाई 105 मीटर और चौड़ाई 12.90 मीटर है. यह 2215 टन वजन ले जाने में सक्षम है. इसकी अधिकतम गति 25 समुद्री मील प्रतिघंटा है.
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