नासा की भारतीय मूल की अंतरिक्ष यात्री सुनीता विलियम्स अपने दो अन्य साथियों फ्लाइट इंजीनियर जापान के अकीहिको होशिदे और रूस के यूरी मालेनचेंको के साथ 19 नवंबर 2012 को सुबह 7 बजकर 30 मिनट पर धरती पर पहुंची. इन तीनों ने अंतरिक्ष में चार महीने का समय बिताया. सुनीता विलियम्स का यान सोयूज टीएमए-05ए सुबह सकुशल कजाखिस्तान स्थित बैकानूर अंतरिक्ष केंद्र पर उतरा.
सुनीता विलियम्स ने अंतरिक्ष में 127 दिन गुजारे जो किसी भी महिला अंतरिक्ष यात्री के लिए एक रिकार्ड है. वह अपने दो साथियों के साथ 15 जुलाई 2012 को अंतरिक्ष में गई थीं. अंतरिक्ष में स्पेस वाक कर सुनीता विलियम्स ने एक नया रिकार्ड भी बनाया.
सुनीता विलियम्स दुनिया की दूसरी महिला हैं जिन्होंने अंतरिक्ष स्टेशन की कमान संभाली. अपनी रवानगी से पहले सुनीता विलियम्स ने औपचारिक तौर पर अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन की कमान अपने सहयोगी नासा के अंतरिक्ष यात्री केविन फोर्ड को सौंप दी. वर्तमान एक्सपेडिशन 33 के बाद फोर्ड ही एक्सपेडिशन 34 के कमाडर हैं. उनके द्वारा 19 दिसंबर 2012 को आईएसएस पर भेजे जाने वाले तीन अंतरिक्ष यात्रियों के दल का नेतृत्व किया जाना है. फ्लाइट इंजीनियर क्रिस हेडफिल्ड, टॉम मार्शबर्न और रोमन रोमनेनको को अगले अभियान के तहत अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन पर भेजा जाना है.
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