भारतीय रिजर्व बैंक के डिप्टी गवर्नर आनंद सिन्हा 20 जनवरी 2014 को सेवानिवृत्त हो गए. उनका पोर्टफोलियो अन्य तीन उप गवर्नरों को आवंटित किया गया है. सेवानिवृत्ति से पहले श्री सिन्हा नए बैंकों के लिए लाइसेंस देने की प्रक्रिया के साथ साथ निजी क्षेत्रों को लाइसेंस देने की प्रक्रिया को देख रहे थे. नए लाइसेंस जारी करने की प्रक्रिया अब तक अधूरी है.
आनंद सिन्हा की सेवानिवृत्ति के बाद उनके पोर्टफोलियो का पुनः आवंटन इस प्रकार किया गया है
| नाम | दिया गया विभाग |
| डॉ. के. सी. चक्रवर्ती |
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| एच आर खान |
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| डॉ. उर्जित आर. पटेल |
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नए गवर्नर की नियुक्ति के बाद विभागों का पुनर्आवंटन किया जाएगा.
भारतीय रिजर्व बैंक और इसके केंद्रीय बोर्ड के बारे में
भारतीय रिजर्व बैंक की स्थापना 1 अप्रैल 1935 को भारतीय रिजर्व बैंक अधिनियम, 1934 के प्रावधानों के मुताबिक किया गया था. भारतीय रिजर्व बैंक का केंद्रीय कार्यालय पहले कलकत्ता में स्थापित किया गया था लेकिन 1937 में इसे स्थायी रूप से मुंबई स्थांतरित कर दिया गया. केंद्रीय कार्यालय वह जगह होती है जहां गवर्नर बैठते हैं और नीतियां तैयार की जाती हैं. मूल रूप से निजी स्वामित्व वाले इस बैंक पर 1949 में राष्ट्रीयकरण के बाद भारत सरकार का पूर्ण स्वामित्व हो गया.
• केंद्रीय बोर्डः रिजर्व बैंक के मामलों को सेंट्रल बोर्ड के निदेशक संचालित करते हैं. बोर्ड की नियुक्ति भारतीय रिजर्व बैंक अधिनियम के तहत भारत सरकार करती है. नियुक्त/ नामांकन चार वर्ष के लिए होता है.
• संविधानः
आधिकारिक निदेशक
क) पूर्ण कालिकः गवर्नर और चार से अधिक डिप्टी गवर्नर नहीं.
गैर– अधिकारी निदेशक
क) सरकार द्वारा नामांकितः विभिन्न क्षेत्रों के दस निदेशक और दो सरकारी अधिकारी
ख) अन्यः चार निदेशक– चार स्थानीय बोर्ड्स से एक–एक.

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