• 1843 – बम्बई से थाने के बीच रेल नेटवर्क की योजना तत्कालीन बम्बई सरकार के चीफ इंजीनियर जॉर्ज क्लार्क ने बनायी.
• 1853 – निजी पूंजी निवेश और सरकारी सहयोग से रेल संरचना की शुरुआत.
• 16 अप्रैल 1853 – पहली रेल बम्बई से थाने के बीच चली, 14 डिब्बे में 400 सवारियां. तीन इंजनों – सिंध, सुल्तान और साहिब ने 21 मील के सफर को एक घंटे 15 मिनट में पूरा किया.
• 15 अगस्त 1854 – पहली पैसेंजर ट्रेन हावड़ा से हुगली के बीच. ईस्ट इंडिया रेलवे आम पब्लिक के लिए खोल दिया गया.
• 1 जुलाई 1856 – दक्षिण भारत में मद्रास रेलवे कंपनी ने व्यसरापदी और वल्लाजः रोड (आर्कोट) के बीच ट्रेन चलाई.
• 3 मार्च 1859 – उत्तर भारत में इलाहाबाद और कानपुर के बीच रेल की शुरुआत.
• 1862 – तीसरे दर्जे के डिब्बों में 2-टियर बैठने की व्यवस्था
• 1 अगस्त 1864 – कलकत्ता से चलकर दिल्ली आयी पहली ट्रेन, इलाहाबाद में स्टीमर पर लाद कर पार करायी गई गंगा.
• 1867 – पहली उपनगरीय सेवा बम्बई बैकबे से विरार तक शुरू
• 1872 – प्रथम श्रेणी डिब्बों में एयर कूलर की व्यवस्था
• 1873 – विश्व की पहली मीटर गेज़ सर्विस, दिल्ली से रेवारी तक
• 1874 – पहली बार चौथी श्रेणी के डिब्बे, बैठने के लिए सीट नहीं
• 1880 – भारतीय रेल का विस्तार लगभग 9000 मील तक हो चुका था
• 1881 – दार्जीलिंग स्टीम ट्रामवे (डीएसटी) बना दार्जीलिंग हिमालयन रेलवे (डीएचआर)
• 1891 – प्रथम श्रेणी डिब्बों में शौचालयों की व्यवस्था
• 1893 – पहला रेल कारखाना जमालपुर में
• 1899 – पहली रेल इंजन ‘लेडी कर्जन’ अजमेर में बना
• 1907 – निचली श्रेणी के डिब्बों में शौचालयों की व्यवस्था
• 1920 – एक्वर्थ कमिटी के सुझावों पर सरकार ने रेलवे का संचालन अपने हाथों में लिया
• 1924 – रेल के वित्त को आम बजट से अलग किया
• 3 फरवरी 1925 – पहली इलेक्ट्रिक ट्रेन, बम्बई वीटी से कुर्ला तक चली
• 1925 – प्रथम रेल बजट पेश
• 1936 – एयर कंडीशनर डिब्बों की व्यवस्था
• 26 जनवरी 1950 – चितरंजन लोको वर्क्स (सीएलडब्ल्यू) की स्थापना, पहली स्टीम इंजन ‘देशबंधु’ यहीं बनी. अब इलेक्ट्रिक इंजन बनाए जाते हैं.
• 1951 – रेलवे जोन की व्यवस्था, फिलहाल 16 जोन
• 1952 – पैसेंजर श्रेणी डिब्बों में लाईट और पंखों की व्यवस्था
• 1961 – डीजल लोको वर्क्स की स्थापना वाराणसी में
• 1967 – लंबी दूरी के ट्रेनों में द्वितीय श्रेणी के स्लीपर डिब्बों की व्यवस्था
• 1972 – स्टीम इंजनों का उत्पादन बंद
• 1986 – कम्प्यूटरीकृत आरक्षण दिल्ली में शुरू
• 2 दिसंबर 1999 – दार्जीलिंग हिमालयन रेलवे को विश्व धरोहर (वर्ल्ड हेरिटेज) का दर्जा
• विश्व की दूसरी सबसे बड़ी रेल नेटवर्क, सिंगल मैनेजमेंट के अंदर सबसे बड़ी ऑर्गेनाइजेशन
• देश का पहला रेल पुल दापुरी वायडक्ट, बम्बई-थाने मार्ग पर बना
• पहली रेल सुरंग (टनेल) पारसिक टनेल है.
• सबसे लंबी सुरंग – करबुदे (6.5 कि.मी.) कोंकण रेलवे पर है.
• सबसे लंबा रेल पुल नेहरु सेतु, सोन नदी पर है.
• विश्व का सबसे लंबा रेलवे स्टेशन – खड़गपुर
• फेरी क्वीन विश्व की सबसे पुरानी वर्किंग लोकोमोटिव
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