भारतीय लेखिका सुष्मिता बैनर्जी का अफगानिस्तान के पूर्वी पक्तिका प्रांत में 4 सितम्बर 2013 को निधन हो गया. सुष्मिता बैनर्जी की उनके घर के बाहर अज्ञात बंदूकधारियों ने गोली मार कर हत्या कर दी. वर्ष 1995 में नाटकीय ढंग से तालिबान की पकड़ से भाग निकलने वाली सुष्मिता बैनर्जी का जीवन-वृत्तांत भारत में काफ़ी लोकप्रिय हुआ था.
वह हाल ही में अपने पति के साथ रहने के लिए वापस अफ़ग़ानिस्तान गई थीं. तालिबान चरमपंथियों ने सुष्मिता बैनर्जी के घर पहुंचकर उनके पति और परिवारजनों को बांध दिया. इसके बाद उन्होंने सुष्मिता को बाहर ले जाकर गोली मार दी. उनके शव को पास के एक धार्मिक स्कूल में डाल दिया गया.
सुष्मिता बैनर्जी के जीवन से संबंधित मुख्य तथ्य
• 49 वर्षीय सुष्मिता का विवाह एक अफगान व्यापारी से हुआ था.
• उनकी पुस्तक ‘अ क़ाबुलीवालाज़ बैंगॉली वाइफ़’ वर्ष 1995 की सबसे ज्यादा बिकने वाली पुस्तकों में शामिल थी.
• इसमें उन्होंने अपने पति जांबाज़ ख़ान के साथ अफ़ग़ानिस्तान में ज़िंदगी और वहां से भाग निकलने की यादें दर्ज की थीं.
• इसी विषय पर वर्ष 2003 में बॉलीवुड फिल्म एस्केप फ्रॉम तालिबान बनाई गई थी.
• आउटलुक पत्रिका के लिए वर्ष 1998 में लिखे एक लेख में भी सुष्मिता बैनर्जी ने अपनी कहानी बयां की थी.
Comments
All Comments (0)
Join the conversation