भारत हेवी इलेक्ट्रिकल्स लिमिटेड (भेल) ने 8 अगस्त 2015 को मध्य प्रदेश के सिंग्रुली जिले में विंध्यांचल स्थित थर्मल पॉवर स्टेशन का शुभारंम्भ किया.
इस ईकाई के आरंभ होने से भेल के पास 500 मेगावाट की सात इकाइयां हो चुकी हैं जिनसे कुल 3500 मेगावाट बिजली उत्पादन होता है.
इस परियोजना में भेल द्वारा डिज़ाइन, इंजीनियरिंग, निर्माण, आपूर्ति तथा विनिर्माण स्टीम जनरेटर एवं स्टीम टरबाइन जनरेटर को आरंभ करने की परिकल्पना भी शामिल है.
इस परियोजना के लिए उपकरणों का निर्माण भेल के तिरुची, रानीपेट, हरिद्वार, हैदराबाद, बेंगलुरु तथा भोपाल इकाइयों में किया गया है जबकि कंपनी के पावर सेक्टर-पश्चिमी क्षेत्र में परिनिर्माण तथा उपकरणों को चालू किया गया.
भेल
यह केंद्र सरकार की इकाई है जो इंजीनियरिंग तथा निर्माण क्षेत्र में दिल्ली स्थित विद्युत् उपकरण निर्माता कंपनी है.
यह विशेष रूप से 500 मेगावाट के सेट्स का निर्माण करती है जिसमें से अभी तक 76 सेटों को आरंभ किया जा चुका है. भेल द्वारा बनाये गए उपकरणों में कम कोयले की खपत होती है तथा इसका हीट रेट भी बेहतर होता है.
मौजूदा वित्तीय वर्ष (2015-16) में भेल ने 2480 मेगावाट के पावर प्लांट्स का उत्पादन किया है.
सुपर थर्मल पावर स्टेशन (एसटीपीएस)
सुपर थर्मल पावर स्टेशन (एसटीपीएस) केंद्र सरकार द्वारा एक सुनियोजित कोयला आधारित महत्वकांक्षी विद्युत् परियोजना है. इन थर्मल प्लांट्स की क्षमता 1000 मेगावाट तथा उससे अधिक है.
भारत में कुल 65 एसटीपीएस हैं जिनमें गुजरात के कच्छ जिले में अडानी समूह द्वारा स्थापित मुंद्रा थर्मल पॉवर स्टेशन सबसे बड़ा है.
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