भारतीय रिजर्व बैंक ने गैर– बैंकिंग वित्तीय कंपनियों (NBFCs) के लिए मजबूत पूंजी आधार की जरूरत के मद्देनजर अपने मानदंड को 10 नवंबर 2014 को संशोधित किया. इसका पालन न करने वाली गैर– बैंकिंग वित्तीय कंपनियों का पंजीकरण प्रमाणपत्र ख़त्म कर दिया जाएगा. इन नियमों का अनुपालन करने के लिए गैर– बैंकिंग वित्तीय कंपनियों (NBFCs) को मार्च 2017 तक का समय दिया गया है.
यह कदम निजी निवेशकों को गैर– बैंकिंग वित्तीय सेवाओं के नाम पर धोखा दिए जाने के मद्देनजर उठाया गया है. इसका उद्देश्य इस क्षेत्र में जोखिम को कम करना है.
एनबीएफसी के लिए संशोधित मानदंड
• अप्रैल 1999 से पहले से काम कर रहे एनबीएफसी को 2017 तक चरणबद्ध तरीके से न्यूनतम निवल स्वाधिकृत निधि (NOF– नेट ओन्ड फंड) को 25 लाख रुपयों से बढ़ाकर 2 करोड़ रुपये करना होगा. मार्च 2016 तक एनबीएफसी को अपना एनओएफ 1 करोड़ रुपये तक करना होगा.
• 500 करोड़ रुपये की परिसंपत्ति के आकार के साथ सभी जमा नहीं लेने वाले एनबीएफसी के लिए प्रमुख पूंजी पर्याप्तता ( कोर कैपिटल एडिक्वेसी)को सुव्यवस्थित किया गया है. ऐसे एनबीएफसी वर्तमान के 7.5 फीसदी से 12 फीसदी की रेंज की तुलना में 10 फीसदी का प्रमुख पूंजी अनुपात ( कोर कैपिटल रेश्यो) बनाए रखेंगे.
• एनबीएफसी के निदेशकों के लिए मापदंड को भी बैंकों के समान बनाया गया है.
• एनबीएफसी के लिए ऋण एनपीए का वर्गीकरण भी बैंकों के आधार पर कर दिया गया है. सभी एनबीएफसी वैसे ऋण जिनका भुगतान 90 दिनों से नहीं किया गया है, को, एनपीए घोषित करेंगे. हालांकि, यह नया नियम मार्च 2016 से मार्च 2018 की अवधि में चरणबद्ध तरीके से लागू किया जाएगा.
• मानक आस्तियों के लिए प्रावधान में भी बढ़ोतरी की गई है. यह बकाया ऋण के 0.25 फीसदी से 0.40 फीसदी कर दिया गया है. इसे भी चरणबद्ध तरीके से मार्च 2016 में शुरु किया जाएगा और मार्च 2018 तक पूरी तरह अपना लिया जाएगा.
• जमा लेने वाले एनबीएफसी के लिए यह अनिवार्य कर दिया गया है कि गैर रेटिंग वाली संपत्ति– फाइनेंसिंग एनबीएफसी जो जमा स्वीकार करती हैं मार्च 2016 तक वे निवेश ग्रेड रेटिंग प्राप्त कर लें या जमा लेना बंद करें.
• अभी से लेकर मार्च 2016 तक गैर रेटिंग वाली संपत्ति वित्त कंपनियां जो कि उप– निवेश ग्रेड में हैं सिर्फ परिपक्वता (मैच्युरिटी) के बाद ही अपने जमा को नवीनीकृत करा सकते हैं और नया जमा तब तक स्वीकार नहीं किया जाएगा जब तक कि वे निवेश– ग्रेड रेटिंग नहीं प्राप्त कर लेतीं.
• सभी परिसंप्तित फाइनेंसिंग एनबीएफसी को पहले के निल स्वाधिकृत निधियों (नेट ओन्ड फंड्स) के चार गुना तक जमा स्वीकार करने की जगह अब उन्हें निवल स्वाधिकृत निधियों (नेट ओन्ड फंड्स) का सिर्फ 1.5 गुना तक जमा स्वीकार करने की अनुमति होगी.
पृष्ठभूमि
नियमों में यह सख्ती एनबीएफसी क्षेत्र के मुद्दों और चिंताओं पर बनी ऊषा थरोट की अध्यक्षता वाले कार्य समूह और डॉ. नचिकेत मोर की अध्यक्षता में छोटे व्यवसायों और कम आय वर्ग वाले परिवारों पर बनी समिति की महत्वपूर्ण सिफारिशों के आधार पर की गई है.
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