मध्यप्रदेश के वित्त मंत्री जयंत मलैया ने राज्य विधानसभा में मध्यप्रदेश शासन का वित्तीय वर्ष 2015-16 के लिए 131199 करोड़ रुपए का बजट 25 फरवरी 2015 को प्रस्तुत किया जो वित्त वर्ष 2014-15 की तुलना में करीब 20 हजार करोड़ अधिक है. उनके द्वारा प्रस्तुत यह दूसरा बजट है. बजट के दौरान वित्त मंत्री जयंत मलैया ने कहा कि वर्ष 2015-16 का यह बजट प्रदेश के युवाओं की रोजगार संभावनायें बढ़ाने तथा निर्माण क्षमताओं में वृद्धि करके ‘‘Make in Madhya Pradesh’ को साकार करने के उद्देश्य से प्रेरित है.
बजट 2015-16 की मुख्य विशेषताएं
• कृषि यंत्र कर मुक्त.
• महिला ड्राइंविंग लाइसेंस को निःशुल्क किया गया.
• सीएनजी आयात पर 10 फीसदी प्रवेश कर लगाने का प्रावधान.
• मध्य प्रदेश में बनने वाले 500 रु. तक जूते-चप्पल को कर मुक्त किया गया.
• लेडीज बैग, बच्चों के डायपर, बच्चों की किताबें-नोटबुक, कृषि उपकरण, हाईट्रोलिक ट्रॉली, गैस गीजर, पंपिंग सेड एसेसरी, ट्रैक्टर एसेसरी, केल्कुलेटर, इलेक्ट्रोनिक खिलौने, गैस चूल्हा और इंडक्शन चूल्हा सस्ता.
• सोया मील, कॉटन सीड ऑलय महंगा.
• पान मसाला पर वैट को 13 से बढ़ाकर 27 प्रतिशत किया गया.
• एक लाख 8 हजार 834 करोड़ कुल राजस्व व्यय.
• एक लाख 14 हजार 422 करोड़ कुल राजस्व आय.
• साइकिल एसेसरी कर मुक्त.
• साइकिल, ट्राईसाइकिल, साइकिल रिक्शा, साइकिल के टायर ट्यूब सस्ते
• केक, रेत और गिट्टी हुई महंगी
• नवकरणीय ऊर्जा के लिए 54 करोड़ का बजट, 29 हजार 500 मेगावाट उत्पादन क्षमता निर्मित करने का लक्ष्य.
• स्वच्छ भारत स्वच्छ विद्यालय अभियान पर जोर.
• खंडवा और बैतूल में दो बिजली परियोजनाएं का विस्तार होगा.
• पासपोर्ट के लिए अब ग्रामीण और निजी बैंक की फोटोयुक्त पासबुक भी एड्रेस प्रूफ के लिए मान्य.
• जल प्रदाय कार्यों के लिए 2 हजार 242 करोड़ का प्रावधान.
• शहरी लोक परिवहन के लिए अर्बन ट्रांसपोर्ट फंड बनाने की योजना.
• ग्रामीण महिलाओं के स्वरोजगार के लिए तेजस्वनी योजना.
• बजट में तेजस्वनी योजना के लिए 65 करोड़ रुपए का प्रावधान.
• बजट में महिला एवं बाल विकास के लिए 4 हजार 483 करोड़ रुपए का प्रावधान.
• औद्योगिक विकास के लिए एक हजार 781 करोड़ रुपए का प्रावधान.
• स्वास्थ्य के क्षेत्र में 4 हजार 740 करोड़ रुपए होंगे खर्च.
• सभी जिला चिकित्सालयों में डायलिसिस मुफ्त होगा.
• लाड़ली लक्ष्मी योजना के लिए एक हजार 398 करोड़ रुपए का प्रावधान.
• शिक्षा के क्षेत्र में बजट बढ़ाया, पिछले वर्ष की तुलना में 896 करोड़ रुपए ज्यादा, उच्च शिक्षा के लिए 683 करोड़ रु. अधिक.
• प्राइमरी, मिडिल और हायरसेकेंडरी शिक्षा के लिए 15 हजार 749 करोड़ रुपए का प्रावधान.
• 100 मिडिल स्कूलों को हाईस्कूल बनाया जाएगा.
• 100 हाइस्कूलों को हायर सेकेंडरी बनाया जाएगा.
• उच्च शिक्षा के लिए दो हजार करोड़ रुपए का प्रावधान.
• तकनीकी शिक्षा एवं कौशल विकास के लिए 800 करोड़ रुपए का प्रावधान.
• चिकित्सा शिक्षा के लिए 649 करोड़ रुपए का प्रावधान.
• स्कूलों में शौचालय के लिए 552 करोड़ रुपए का प्रावधान.
• सिंहस्थ के लिए 300 करोड़ का अतिरिक्त प्रावधान.
• रिवॉल्वर, पिस्टल के लाइसेंस, रिवॉल्वर, पिस्टल के लाइसेंस का नवीनीकरण महंगा
• रेडियो, टेलीविजन, सिनेमा पर विज्ञापन, केबल नेटवर्क, समाचार पत्रों पर विज्ञापन महंगा
• ई-पंजीयन, ई-स्टांपिंग का कार्य अन्य जिलों में शुरु किया जाएगा. अभी तक यह कार्य पांच जिलों में चल रहा था.
• मध्यप्रदेश व्यापारी कल्याण बोर्ड के गठन का प्रावधान.
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