अमेरिका की मशहूर पत्रिका टाइम ने वर्ष 1930 में महात्मा गांधी के नेतृत्व वाले दांडी मार्च (नमक सत्याग्रह) को दुनिया को बदल देने वाले 10 महत्वपूर्ण आंदोलनों की सूची में दूसरे स्थान पर रखा है. टाइम पत्रिका ने नमक सत्याग्रह के बारे में लिखा कि भारत पर ब्रिटेन के लंबे समय तक चली हुकूमत कई मायने में चाय, कपड़ा और यहां तक की नमक जैसी वस्तुओं पर एकाधिकार कायम करने से जुड़ी थी. पत्रिका के अनुसार औपनिवेशिक हुकूमत के तहत भारतीय खुद का नमक बना और बेच नहीं सकते थे. इसकी बजाय उन्हें ब्रिटेन में बना और वहां से आयात किया गया महंगा नमक खरीदना पड़ता था. टाइम पत्रिका के अनुसार दांडी यात्रा के दौरान बड़ी संख्या में बापू के समर्थक उनके साथ जुड़ गए थे. रिपोर्ट में टाइम ने लिखा कि महात्मा गांधी और उपस्थित जनसमुदाय ने समुद्र से नमक बनाया. इसकी वजह से हजारों भारतीय कुछ महीने के अंदर गिरफ्तार किए गए. इससे एक चिंगारी भड़की जो आगे चलकर सविनय अवज्ञा आंदोलन में बदल गई.
टाइम पत्रिका में जून 2011 के चौथे सप्ताह में प्रकाशित 10 प्रभावशाली विरोध प्रदर्शनों की सूची में अमेरिकी स्वतंत्रता आंदोलन में निर्णायक भूमिका निभाने वाली बोस्टन चाय पार्टी को पहले स्थान पर रखा गया. जबकि वर्ष 1963 में वाशिंगटन में निकाले गए सिविल राईट मार्च को तीसरे स्थान पर रखा गया. इस सूची में समलैंगिक अधिकारों को लेकर वर्ष 1969 में न्यूयार्क में हुए स्टोनवाल आंदोलन को चौथा और वियतनाम युद्ध के खिलाफ़ वाशिंगटन में हुए विशाल प्रदर्शन को पांचवें स्थान पर रखा गया.
ईरान में 1978 के मुहर्रम विरोध प्रदर्शन को छठवां, वर्ष 1986 में पीपुल पावर विरोध प्रदर्शन को सातवां, चीन के येयनआन चौराहे के विरोध प्रदर्शन को आठवां, दक्षिण अफ्रीका में केपटाउन के परपल रेन प्रोटेस्ट को नौवें और मिस्र के राष्ट्रपति हुस्नी मुबारक के विरोध में वर्ष 2011 के जनवरी में हुए विशाल प्रदर्शन को दसवां स्थान दिया गया.
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