जेनेवा स्थित यूरोपियन ऑर्गेनाईजेशन फॉर न्यूक्लियर रिसर्च (CERN - French: Organisation Européenne pour la Recherche Nucléaire) ने महामशीन (Large Hadron Collider) के जरिये 30 मार्च 2010 को प्रोटॉन बीम का सफलता पूर्वक टक्कर करवाया. 27.2 कि.मी. लंबे और 175 मीटर जमीन के अंदर बनी प्रयोगशाला में 3.5 लाख करोड़ इलेक्ट्रोन वोल्ट (3.5 TeV, trillion electron-volt, 1 trillion= 1012) वाली प्रोटॉन बीम को विपरीत दिशाओं में टकराया गया. इससे कुल सापेक्षिक 7 लाख करोड़ इलेक्ट्रोन वोल्ट (7 TeV) की टक्कर हुई. हालाँकि अभी महामशीन को उसकी पूरी क्षमता की सिर्फ आधी क्षमता पर ही चलाया जा रहा है. महामशीन की पूरी क्षमता सापेक्षिक 14 लाख करोड़ इलेक्ट्रोन वोल्ट की है.
टक्कर से आये परिणामों का शोध किया जाएगा और ब्रह्मांड की उत्पत्ति को समझा जाएगा. साथ ही इसका उद्येश्य उस कण को खोजने की भी है जो भौतिकीय सिद्धांत में द्रव्यमान के लिए जरूरी माना जाता है. वैज्ञानिकों ने इसे हिग्ग्स बोसोन या गॉड पार्टिकल (Higgs boson or God particle) नाम दिया है.
यूरोपियन ऑर्गेनाईजेशन फॉर न्यूक्लियर रिसर्च फ्रांस और स्विटजरलैंड के बॉर्डर पर जेनेवा के उत्तरी-पश्चिमी भाग में स्थित है. यह ऑर्गेनाईजेशन 1954 में बना था. अभी कुल 20 यूरोपीय देश इसके सदस्य हैं.
Date Event
10 सितम्बर 2008 पहली बार प्रोटॉन बीम का सफलता पूर्वक छोड़ा जाना
19 सितम्बर 2008 तकनीकी खराबी के कारण महामशीन बंद करना पड़ा
30 नवंबर 2009 दुनिया की सबसे तेज गति से कण छोड़ने वाली मशीन
30 मार्च 2010 महामशीन अपनी आधी शक्ति प्रदर्शन में कामयाब
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