देशभर के विश्वविद्यालयों को अब अपने शैक्षणिक और ढांचागत स्वरूप को और अधिक मजबूत बनाने हेतु विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) ने विश्वविद्यालयों को दी जाने वाली आर्थिक अनुदान राशि दोगुनी कर दी है. अब तक विश्वविद्यालयों को आर्थिक अनुदान के तौर पर केवल एक करोड़ रुपये सालाना मिलता था. मई 2011 के तीसरे सप्ताह में विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) द्वारा लिए गए निर्णय से अब विश्वविद्यालयों को दो करोड़ रुपये सालाना मिलेंगे.
विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) ने बढ़ी हुई आर्थिक अनुदान राशि को हासिल करने के लिए विश्वविद्यालयों को पहले दिए गए खर्च का ब्योरा देने को कहा है. ज्ञातव्य हो कि विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) द्वारा देश के कुल 131 विश्वविद्यालयों और 6 हजार कॉलेजों को आर्थिक अनुदान के तौर पर धनराशि दी जाती है. इस अनुदान के तहत विश्वविद्यालयों में विकास कार्य और अन्य शैक्षणिक कार्य पूरे किये जाते हैं. यह अनुदान यूजीसी के एक्ट की धारा 12 बी के तहत आने वाले विश्वविद्यालयों और कॉलेजों को दी जाती है.
अभी तक विश्वविद्यालयों को एक करोड़ रुपये आर्थिक अनुदान के तौर पर दिया जाता था. जिन विश्वविद्यालयों को एक करोड़ रुपये मिल चुका है, वे भी शैक्षणिक सत्र 2011-12 के लिए एक करोड़ रुपये और ले सकते हैं. यूजीसी ने देशभर के विश्वविद्यालयों के रजिस्ट्रारों को पत्र लिखकर अतिरिक्त धनराशि लेने के नये प्रावधान की जानकारी भेज दी.
विश्वविद्यालयों को सूचित किया गया है कि जिन विश्वविद्यालयों ने अभी तक यूजीसी से आर्थिक अनुदान नहीं लिया है वे दो करोड़ रुपये की सहायता लेने के लिए अपने प्रस्ताव यूजीसी को भेज सकते हैं. साथ ही यह भी सूचित किया गया है कि जिन विश्वविद्यालयों ने आर्थिक अनुदान के तौर पर एक करोड़ रुपये ले लिये हैं, उन्हें अब बाकी के एक करोड़ रुपये के लिए अपना प्रस्ताव देना होगा.
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