भारत सरकार ने 65 वर्ष पुरानी संस्था योजना आयोग के स्थान पर नीति आयोग (राष्ट्रीय भारत परिवर्तन संस्थान, एनआईटीआई) की स्थापना की. इसकी घोषणा 1 जनवरी 2015 को की गई. यह परिर्वतन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा स्वतंत्रता दिवस (15 अगस्त 2014) पर की गई घोषणा के अनुरूप किया गया.
भारत सरकार ने यह कदम राज्य सरकारों, विशेषज्ञों तथा प्रासंगिक संस्थानों सहित सभी हितधारकों से व्यापक विचार विमर्श के बाद उठाया.
राष्ट्रीय भारत परिवर्तन संस्थान की संरचना
भारत का प्रधानमंत्री इस आयोग के अध्यक्ष होंगे. इस संस्था में एक उपाध्यक्ष तथा एक मुख्य कार्यपालक अधिकारी (सीईओ) होगा. उपाध्यक्ष की नियुक्ति आयोग का अध्यक्ष करेगा.
आयोग में संचालन परिषद होगी, जिसमें राज्यों के मुख्यमंत्रियों और केन्द्र शासित प्रदेशों के उप राज्यपालों को शामिल किया जाएगा. यह संचालन परिषद राज्यों की भागीदारी के साथ राष्ट्रीय विकास की प्राथमिकताएं तैयार करेगी.
राज्यों की भागीदारी के साथ राष्ट्रीय विकास की प्राथमिकताएं तैयार करने आयोग में अधिकतम पांच पूर्णकालिक सदस्य और दो अंशकालिक सदस्य होंगे जबकि चार केंद्रीय मंत्री इसके पदेन सदस्य होंगे.
नीति आयोग (राष्ट्रीय भारत परिवर्तन संस्थान) का कार्यालय संसद भवन के पास स्थित पुराने योजना आयोग के मुख्यालय भवन में ही होगा.
किस मायने में भिन्न
नीति आयोग (राष्ट्रीय भारत परिवर्तन संस्थान) की संचालन परिषद होगी जिसमें सभी मुख्यमंत्रियों तथा उप-राज्यपालों को शामिल करना पिछले निकाय (योजना आयोग) से इसे अलग बनाता है.
नीति आयोग (राष्ट्रीय भारत परिवर्तन संस्थान) के कार्य
• नीति आयोग विकास प्रक्रिया में निर्देश और रणनीतिक परामर्श देगा.
• केंद्र से राज्यों की तरफ चलने वाले एक पक्षीय नीतिगत क्रम को एक महत्वपूर्ण विकासवादी परिवर्तन के रुप में राज्यों की वास्तविक और सतत भागीदारी से बदल दिया जाएगा.
• नीति आयोग राज्यों के साथ सतत आधार पर संरचनात्मक सहयोग की पहल और तंत्र के माध्यम से सहयोगपूर्ण संघवाद को बढ़ावा देगा.
• नीति आयोग ग्राम स्तर पर विश्वसनीय योजना तैयार करने के लिए तंत्र विकसित करेगा और इसे उत्तरोत्तर उच्च स्तर तक पहुंचाएगा.
• आयोग राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय विशेषज्ञों, प्रैक्टिशनरों तथा अन्य हितधारकों के सहयोगात्मक समुदाय के जरिए ज्ञान, नवाचार, उद्यमशीलता सहायक प्रणाली बनाएगा.
• इसके अतिरिक्त आयोग कार्यक्रमों और नीतियों के क्रियान्वयन के लिए प्रौद्योगिकी उन्नयन और क्षमता निर्माण पर जोर देगा.
नीति आयोग के उद्देश्य
राष्ट्रीय भारत परिवर्तन संस्थान के उद्देश्य निम्नलिखित हैं.
• सहयोगात्मक संघवाद का विकास करना.
• राष्ट्रीय विकास की एक साझा दृष्टि तैयार करना. इसके आधार पर एक राष्ट्रीय एजेंडा तैयार किया जाएगा, जिसपर प्रधानमंत्री तथा मुख्यमंत्री प्रमुखता से ध्यान देंगे.
• गांव स्तर पर व्यावहारिक योजना बनाने की एक पद्धति का विकास और इससे सरकार के ऊपरी स्तर के लिए कार्ययोजना का विकास.
• रणनीति तैयार कना, दीर्घकालिक योजना और कार्यक्रम बनाना और जरूरत पड़ने पर बीच में उसका संशोधन करना.
• विकास कार्य में तेजी लाने के लिए विभिन्न विभागों और क्षेत्रों के बीच विवाद निपटारा के लिए मंच के रूप में काम करना.
• सुशासन और सर्वोत्तम कार्य-पद्धतियों पर अत्याधुनिक ज्ञान केंद्र का विकास करना और संबंधित पक्षों तक उसका प्रसार करना.
• परामर्श देना और महत्वपूर्ण संस्थानों के बीच साझेदारी को बढ़ावा देना.
• ज्ञान, नवाचार और उद्यमिता सहयोग प्रणाली का विकास करना.
• कार्यक्रमों का सक्रिय पर्यवेक्षण और मूल्यांकन करना और उसकी सफलता के लिए जरूरी सहयोग करना.
• कार्यक्रम लागू करने के लिए प्रौद्योगिकी उन्नयन और क्षमता निर्माण करना.
• राष्ट्रीय विकास एजेंडे और उपर्युक्त मकसदों के कार्यान्वयन के लिए और भी जो कुछ जरूरी हो करना.
• आर्थिक रणनीति और नीति में राष्ट्रीय सुरक्षा सुनिश्चित करना.
• हाशिए पर रह गए लोगों पर विशेष ध्यान देना.
योजना आयोग
योजना आयोग की स्थापना 1950 में देश के प्रथम प्रधानमंत्री पंडित जवाहर लाल नहेरु ने की थी. इसे 15 मार्च 1950 को सामान्य सरकारी प्रस्ताव के द्वारा स्थापित किया गया था. छह दशकों से भी अधिक के अपने कार्यकाल में योजना आयोग ने 12 पंचवर्षीय योजनायें और छह वार्षिक योजनायें तैयार की और उनके क्रियान्वयन के लिये 200 लाख करोड रुपये से अधिक का आवंटन किया.
विश्लेषण
इस नये संस्थान के आने से प्रशासन और नीतियों में संस्थागत सुधार को लेकर लोगों की बढ़ी हुई अपेक्षाओं को पूरा करने में मदद मिलेगी.
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