इंटरलिंकिंग ऑफ़ इंडियन रिवर्स : राधा कांत भारती
राधा कांत भारती द्वारा लिखित “इंटरलिंकिंग ऑफ़ इंडियन रिवर्स” पुस्तक का 3 नवम्बर 2015 को केन्द्रीय जल आयोग के अध्यक्ष (सीडब्ल्यूसी) अटल बिहारी पंड्या द्वारा लोकापर्ण किया गया. पुस्तक में नदियों को आपस में जोड़ने से संबंधित विभिन्न तकनीकी विद्वानों, मीडिया कर्मियों एवं राजनीतिज्ञों के विचारों का संकलन किया गया है.
इस पुस्तक में बताया गया है कि कृषि प्रधान देश भारत में नदियों की महत्वपूर्ण भूमिका है. पुस्तक में व्यापक अनुसंधान के पश्चात् नदियों को आपस में जोड़ने के सामाजिक, आर्थिक एवं कमर्शियल लाभ बताये गए हैं. पुस्तक में भारत की राष्ट्रीय जल नीति के बारे में तथा भारतीय उपमहाद्वीप में नदियों को जोड़ने पर होने वाले विवाद पर भी प्रकाश डाला गया है.
राधा कांत भारती
राधा कांत भारती का जन्म बिहार स्थित नालंदा में वर्ष 1939 में हुआ, वे भूगोल के प्रख्यात विद्वान हैं. वे जल संसाधन से संबंधित पत्रिका ‘भागीरथ’ का कई वर्षों तक सम्पादन करते रहे हैं. उनके द्वारा लिखित भूगोल, पर्यटन, समाजशास्त्र आदि में विभिन्न लेख भी प्रकाशित हो चुके हैं. उनके द्वारा भारतीय नदियों पर बनाई गयी डाक्यूमेंट्री को लंदन की रॉयल जियोग्राफिकल सोसाइटी द्वारा सम्मानित किया जा चुका है.
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