राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने बैंकिंग नियमन संशोधन विधेयक, मनी लांड्रिंग (संशोधन) विधेयक और प्रतिभूति हितों का प्रवर्तन व ऋण वसूली (संशोधन) विधेयक पर हस्ताक्षर किए. राष्ट्रपति ने इन तीनों विधेयकों को स्वीकृति देकर इन्हें कानून का स्वरूप दिया. 9 जनवरी 2013 को यह जानकारी प्राप्त हुई.
मनी लांड्रिंग (संशोधन) अधिनियम: मनी लांड्रिंग अपराध की परिभाषा के विस्तार और आतंकवादी गतिविधियों के लिए धन देने पर रोक लगाने से जुड़े मनी लांड्रिंग (संशोधन) विधेयक को संसद के शीतकालीन सत्र में मंजूरी दी गई थी. विधेयक में कानून के तहत जुर्माने की 5 लाख रुपए की सीमा समाप्त करने का प्रावधान किया गया. इसमें अपराध साबित होने अथवा किसी को दोषी करार दिए जाने से पहले ही मनी लांड्रिंग के द्वारा कमाई गई धनसंपत्ति को कुर्क करने का प्रस्ताव किया गया.
प्रतिभूति हितों का प्रवर्तन व ऋण वसूली (संशोधन) अधिनियम: प्रतिभूति हितों का प्रवर्तन व ऋण वसूली (संशोधन) विधेयक का लक्ष्य बैंकों व वित्तीय संस्थानों के एनपीए प्रावधान को मजबूत करना है.
बैंकिंग नियमन संशोधन अधिनियम: इस विधेयक के तहत निजी क्षेत्र के औद्योगिक घरानों का बैंकिंग क्षेत्र में प्रवेश करना आसान होगा.
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