नार्वे के नरेश हेराल्ड V के निमंत्रण पर भारत के राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी की नार्वे की तीन दिवसीय राजकीय यात्रा 14 अक्टूबर 2014 को संपन्न हुई. भारत के किसी राष्ट्राध्यक्ष द्वारा की जाने वाली यह नार्वे की पहली राजकीय यात्रा है.
इस यात्रा के दौरान भारत एवं नार्वे के बीच आपसी रिश्तों को बढ़ाए जाने के उद्देश्य से ‘कूटनीतिक तथा आधिकारिक पासपोर्ट धारकों को वीजा में छूट देने’ सहित कुल 13 समझौतों पर राजधानी ओस्लो में हस्ताक्षर किए गए. जो निम्नलिखित हैं.
1. राजनयिक एवं आधिकारिक पासपोर्ट धारकों के लिए वीजा की आवश्यकता से छूट पर करार
यह करार दोनों देशों के भू-भाग में रहने वाले राजनयिक एवं आधिकारिक पासपोर्ट धारकों की यात्रा में सुगमता प्रदान करके द्विपक्षीय संबंधों को बढ़ावा देने में मदद करेगा.
2. भारत के संस्कृति मंत्रालय तथा नार्वे के मंच संग्रहालय के बीच एमओयू
इस समझौता ज्ञापन (एमओयू) का उद्देश्य दोनों देशों के बीच मैत्रीपूर्ण सांस्कृतिक संबंधों को सुदृढ़ करने और बढ़ाने, एक दूसरे के देश के लोगों की परस्पर समझ को गहन करने तथा सांस्कृतिक सहयोग एवं आदान – प्रदान को बढ़ावा देने के लिए संस्थाओं की परस्पर इच्छा को प्रेरित करना है.
3. पृथ्वी प्रणाली विज्ञान के क्षेत्र में पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय (एमओईएस) तथा नार्वेजियाई अनुसंधान परिषद (आरसीएन) के बीच एमओयू
इस समझौता ज्ञापन (एमओयू) का प्रयोजन व्यवस्थाओं एवं आपसी समझ को सुकर बनाना है जिससे पृथ्वी प्रणाली विज्ञान के क्षेत्र में गतिविधियों एवं प्रगति का भारत और नार्वे के बीच सहयोग एवं समन्वय स्थापित हो. इसका उद्देश्य पृथ्वी विज्ञान एवं सेवाओं में सुधार तथा विकास की प्रगति को सहायता प्रदान करने के लिए वैज्ञानिक संसाधनों, कार्मिकों एवं तकनीकी ज्ञान के आदान – प्रदान को अनुमति प्रदान करना है.
4. आईआईटी कानपुर और एनटीएनयू के बीच समझौता ज्ञापन
इस एमओयू का उद्देश्य अनुसंधान एवं शिक्षा के क्षेत्र में आईआईटी कानपुर और एनटीएनयू के बीच और सहयोग को बढ़ावा देना है.
5. आईआईएसईआर, तिरूवनंतपुर तथा एसआईएनटीईएफ सामग्री एवं रसायनशास्त्र के बीच एमओयू
इस समझौता ज्ञापन (एमओयू) का उद्देश्य दोनों संस्थाओं के बीच संबंधों में वृद्धि करना और शिक्षा, अनुसंधान के क्षेत्रों में तथा अन्य गतिविधियों में शैक्षिक एवं सांस्कृतिक आदान – प्रदान विकसित करना और उच्च शिक्षा के अंतरिकीकरण की दिशा में सहयोग करना एवं काम करना है.
6. ओस्लो विश्वविद्यालय और हैदराबाद विश्वविद्यालय के बीच समझौता ज्ञापन
इस समझौता ज्ञापन (एमओयू) का उद्देश्य दोनों विश्वविद्यालयों के बीच संबंधों में वृद्धि करना, शिक्षा, अनुसंधान तथा अन्य गतिविधियों के क्षेत्रों में शैक्षिक एवं सांस्कृतिक आदान – प्रदान को विकसित करना और उच्च शिक्षा के आंतरिकीकरण की दिशा में काम करना है.
7. डीआरडीओ, तथा नार्वेजियाई रक्षा अनुसंधान स्थापना (एफएफआई), के बीच मंशा वक्तव्य (एसओआई)
यह सेमिनारों, सम्मेलनों, कार्यशालाओं के आयोजन तथा संगत सूचनाओं के आदान – प्रदान के माध्यम से रक्षा अनुसंधान एवं विकास के क्षेत्र में अनुसंधान एवं विकास कार्यक्रमों में सहयोग के लिए अवसरों का पता लगाने के संबंध में दोनों संस्थाओं की मंशा की घोषणा करता है.
8. आईआईएसईआर, तिरूवनंतपुरम तथा ऊर्जा प्रौद्योगिकी संस्थान के बीच एमओयू
दोनों संस्थाएं वैज्ञानिक सहयोग के लिए एक रूपरेखा स्थापित करने पर सहमत हुई हैं जिसका उद्देश्य आपसी हित के क्षेत्रों में शैक्षिक आदान – प्रदान तथा अनुसंधान एवं विकास के संबंध में सहयोग के अवसरों का पता लगाकर अनुसंधान एवं विकास के क्षेत्रों में शैक्षिक एवं सांस्कृतिक आदान – प्रदान विकसित करने के लिए संबंधों में वृद्धि करना है.
9. ओस्लो विश्वविद्यालय तथा कानपुर विश्वविद्यालय के समझौता ज्ञापन
यह समझौता ज्ञापन (एमओयू) दोनों संस्थाओं के बीच शिक्षा एवं अनुसंधान के क्षेत्र में सहयोग को बढ़ावा देगा जिसमें सहयोगात्मक अनुसंधान की गतिविधियां, व्याख्यान, गोष्ठी, विद्वानों, शोध छात्रों, छात्रों का आदान – प्रदान तथा ऐसे क्षेत्रों में सूचना एवं सामग्रियों का आदान – प्रदान शामिल है जिसमें दोनों पक्षों की रूचि हो.
10. वैज्ञानिक और औद्योगिक अनुसंधान परिषद (सीएसआईआर) और एसआईएनटीईएफ के बीच एमओयू
यह समझौता ज्ञापन (एमओयू) दोनों पक्षों के आपसी हित के क्षेत्रों में वैज्ञानिक अनुसंधान तथा प्रौद्योगिकी विकास में सहयोग के विस्तार एवं संवर्धन को समर्थन प्रदान करेगा.
11. भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद (आईसीएमआर) और नार्वेजियाई अनुसंधान परिषद (आरसीएन) के बीच एमओयू
इस समझौता ज्ञापन (एमओयू) का मुख्य प्रयोजन आपसी हित के स्वास्थ्य से जुड़े अनेक क्षेत्रों में अनुसंधान को प्रोत्साहित करने के लिए स्वस्थ अनुसंधान संबंध स्थापित करना है जिसमें मानव टीका, संक्रामक रोग तथा एंटी माइक्रोबियल प्रतिरोधकता शामिल है.
12. आईआईटी कानपुर और एनआईएलयू के बीच एमओयू
इस समझौता ज्ञापन (एमओयू) के माध्यम से दोनों संस्थाएं आपसी हित के शैक्षिक क्षेत्रों में अनुसंधान एवं विकास परियोजनाओं के रूप में सहयोग की गतिविधियां तैयार करने तथा परियोजनाओं के वित्त पोषण के माध्यम से शिक्षा एवं प्रशिक्षण कार्यक्रमों पर सहयोग करने के लिए सहमत हुई हैं.
13. हैदराबाद विश्वविद्यलाय तथा बर्गेन विश्वविद्यालय के बीच समझौता ज्ञापन
इस समझौता ज्ञापन (एमओयू) का उद्देश्य दोनों विश्वविद्यालयों के बीच संबंधों में वृद्धि करना तथा शिक्षा, अनुसंधान एवं अन्य गतिविधियों के क्षेत्रों में शैक्षिक एवं सांस्कृतिक आदान – प्रदान को विकसित करना है तथा दोनों विश्वविद्यालय उच्च शिक्षा के आंतरिकीकरण की दिशा में कार्य करने के लिए सहमत हुए हैं.
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