सिंचाई परियोजना में सरकार के श्वेत पत्र में क्लीन चिट दिए जाने के एक सप्ताह बाद राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) के नेता अजित पवार ने 7 दिसंबर 2012 को महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री पद की शपथ ग्रहण की. महाराष्ट्र के राज्यपाल के शंकर नारायणन ने मुख्यमंत्री पृथ्वीराज चव्हाण की मौजूदगी में अजित पवार को उपमुख्यमंत्री पद की शपथ दिलाई.
अजीत पवार ने सिचांई परियोजनाओं में भ्रष्टाचार के आरोपों के बाद 25 सितंबर 2012 को इस्तीफा देने की घोषणा की थी. इस निर्णय से कांग्रेस-एनसीपी सरकार संकट में आ गई थी. अजीत पवार के इस्तीफे के बाद एनसीपी के अन्य सभी 19 मंत्रियों ने इस्तीफे की पेशकश की थी. अजीत पवार ने मीडिया में आई इन खबरों के बाद इस्तीफा दे दिया था कि उन्होंने वर्ष 1999 से वर्ष 2009 के बीच सिंचाई मंत्री रहते हुए 20 हजार करोड़ रुपए से अधिक के ठेके मनमाने ढंग से दिए.
सिंचाई विभाग ने 29 नवंबर 2012 को राज्य मंत्रिमंडल को सौंपे गए अपने श्वेत पत्र में दावा किया था कि महाराष्ट्र में पिछले 10 वर्षों में सिंचाई क्षमता में 28 प्रतिशत की वृद्धि हुई.
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