केंद्र सरकार द्वारा शुरू किए गए जवाहरलाल नेहरु राष्ट्रीय सौर मिशन (जेएनएनएसएम) के प्रथम चरण में 479 मेगावाट के सौर ऊर्जा संयंत्र लगाने के लिए 7 कंपनियों को चुना गया. रिलायंस पावर समूह की कंपनी सन टेक्निक, आंध्रप्रदेश की लैंको और चेन्नई की केवीके एनर्जी को राजस्थान में 100-100 मेगावाट सौर ऊर्जा संयंत्र लगाने का ठेका दिया गया. मेघा इंजीनयरिंग, गोदावरी पावर और कॉर्पोरेट इस्पात को 50-50 मेगावाट का ठेका मिला. शेष ठेका अरुम रिन्युवेब्ल्स को दिया गया. ठेका प्रक्रिया नवंबर 2010 के तीसरे सप्ताह में संपन्न हुई.
जवाहरलाल नेहरु राष्ट्रीय सौर मिशन के प्रथम चरण (2012-13 तक) को पूरा करने की जिम्मेदारी एनटीपीसी विद्युत व्यापार निगम (एनवीवीएन) पर है. ज्ञातव्य हो कि एनवीवीएन राष्ट्रीय ताप विद्युत निगम (एनटीपीसी) की एक इकाई है. प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने 11 जनवरी 2010 को जवाहरलाल नेहरु राष्ट्रीय सौर मिशन की आधिकारिक घोषणा की थी. इस मिशन के तहत 20000 मेगावाट सौर ऊर्जा की क्षमता को तीन चरणों में प्राप्त करना है. प्रथम चरण 2012-13 तक, द्वितीय चरण 2013-17 तक और तृतीय चरण वर्ष 2017-22 तक रखा गया.
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