भारत में निजी क्षेत्र की सबसे बड़ी कंपनी रिलायंस इंडस्ट्रीज लिमिटेड (RIL: Reliance Industries Limited) ने अपने तेल व गैस खनन कारोबार की 30 फीसदी हिस्सेदारी विश्व की तीसरी सबसे बड़ी ऊर्जा कंपनी ब्रिटिश पेट्रोलियम (BP: British Petrolium) को बेचने संबंधित संयुक्त करार किया. 7.2 अरब अमेरिकी डॉलर का यह समझौता भारत में अब तक का सबसे बड़ा प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (FDI: Foreign Direct Investment) है.
रिलायंस के केजी बेसिन-डी-6 सहित 23 तेल व गैस ब्लॉकों की 30 फीसदी हिस्सेदारी ब्रिटिश पेट्रोलियम को 21 फरवरी 2011 को हुए समझौते के तहत खरीदनी है. साथ ही दोनों कंपनियों के बीच बराबर की हिस्सेदारी वाली एक संयुक्त उद्यम कंपनी पर भी सहमति बनी. इस संयुक्त उद्यम कंपनी को भारत में प्राकृतिक गैस की खोज, परिवहन व विपणन के लिए जरूरी बुनियादी ढांचे का विकास करना है. संयुक्त उद्यम कंपनी में दोनों कंपनियों को 12.8 अरब डॉलर (6.4 अरब डॉलर प्रत्येक कंपनी को) का निवेश करना है.
चूंकि 23 ब्लॉकों की सिर्फ 30 फीसदी हिस्सेदारी ब्रिटिश पेट्रोलियम को बेची गई है, इसलिए उनका नियंत्रण रिलायंस के पास ही रहना है. रिलायंस इंडस्ट्रीज लिमिटेड के पास कुल 29 तेल ब्लॉक हैं. जिसमें भारत का सबसे बड़ा तेल ब्लॉक केजी बेसिन-डी-6 भी शामिल है.
जापान की दवा निर्माता कंपनी दाईची सैंक्यो द्वारा 4.5 अरब अमेरिकी डॉलर में रैनबैक्सी लेबोरेटरीज की खरीद भारत में दूसरा सबसे बड़ा प्रत्यक्ष विदेशी निवेश है.
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