अंतरराष्ट्रीय रेटिंग एजेंसी मूडीज ने सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया की रेटिंग स्थिर से घटाकर नकारात्मक कर दी. रेटिंग एजेंसी मूडीज के उपाध्यक्ष एवं वरिष्ठ साख अधिकारी बीट्रिस वू के अनुसार सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया की संपत्ति गुणवत्ता में हुए परिवर्तन के कारण रेटिंग को नकारात्मक किया गया.
सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया की रेटिंग डी माइनस (D-) थी. परंतु अंतरराष्ट्रीय रेटिंग एजेंसी मूडीज के अनुसार अन्य समकक्ष बैंकों की तुलना में सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया का अधिकांश कर्ज बिजली जैसे मुश्किलें झेल रहे क्षेत्रों को दिया गया है. इस कारण बैंक की साख कुछ ज्यादा संवेदनशील हो गई.
ज्ञातव्य हो कि 31 दिसंबर 2011 तक सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया की टियर-1 पूंजी 7.77 फीसदी थी जो केंद्र सरकार द्वारा निर्धारित 8 फीसदी से कम थी. इसके अलावा बैंक की टियर-2 की पूजी भी बैंकिंग मानक 9.60 फीसदी से कम थी. सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया में केंद्र सरकार की 80.2 फीसदी हिस्सेदारी है. बैंक की खराब संपत्ति गुणवत्ता के कारण इसके फंसे हुए कर्ज दो वर्ष के उच्च स्तर 3.7 फीसदी (4.9 अरब रुपये) पर पुहंच गए हैं. साथ ही पुनर्गठित किए गए कर्ज की मात्रा भी 7.4 फीसदी थी जो कि मूडीज के मानक 4.2 फीसदी से काफी अधिक है.
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