अब्राहम एम केइता को वर्ष 2015 के लिए 10 नवम्बर 2015 को अंतरराष्ट्रीय बाल शांति पुरस्कार से सम्मानित किया गया. 17 वर्षीय किशोर अब्राहम केइता को नाबालिगों के खिलाफ हिंसा पर रोक लगाने की दिशा में उसके अथक प्रयासों एवं योगदान के लिये प्रतिष्ठित अंतरराष्ट्रीय बाल शांति पुरस्कार से सम्मानित किया गया.
केइता को नीदरलैंड के हेग में वर्ष 2011 में नोबल शांति पुरस्कार विजेता लेइम्ह बोवी ने यह पुरस्कार प्रदान किया.
केइता ने बच्चों के खिलाफ अपराधों पर रोक लगाने और दोषियों को सजा दिलाने की दिशा में एक प्रचारक के रूप में अथक रूप से काम किया और उसके इस काम ने जूरी का ध्यान आकर्षित किया.
अंतरराष्ट्रीय बाल शांति पुरस्कार
अंतरराष्ट्रीय बाल शांति पुरस्कार एक वार्षिक पुरस्कार है जिसे किसी ऐसे बच्चे को दिया जाता है जिसने बच्चों के अधिकारों के लिए कार्य किया हो. इसकी स्थापना डच किड्स राईट फाउंडेशन के निदेशक एवं संस्थापक मार्क दुल्लार्ट द्वारा की गयी.
इसका आरंभ वर्ष 2005 में नोबेल शांति कार्यकर्ता शिखर सम्मेलन के दौरान की गयी जिसकी अध्यक्षता मिखाइल गोर्बाचोव ने की थी. उस समय से प्रत्येक वर्ष एक नोबेल शांति पुरस्कार प्राप्त करने वाली व्यक्ति द्वारा इसे प्रदान किया जाता है.
वर्ष 2014 का अंतरराष्ट्रीय बाल शांति पुरस्कार फिलाडेल्फिया में रहने वाली 18 वर्षीय भारतीय-अमेरिकी नागरिक नेहा गुप्ता को प्रदान किया गया. नेहा ने भारत में अनाथ बच्चों की सहायता की तथा बच्चों के अधिकारों के लिए आवाज़ उठाई. वे अमेरिका की पहली बालिका हैं जिसे यह पुरस्कार प्रदान किया गया.
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