ग्रामीण विकास मंत्रालय ने जंगली इलाकों में रहने वाले अनुसूचित जनजाति के परिवारों को महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी अधिनियम (मनरेगा) के तहत दिए जाने वाले निर्धारित 100 दिनों के रोजगार से अधिक 50 दिनों का अतिरिक्त रोजगार उपलब्ध कराने का निर्णय 14 जनवरी 2014 को लिया. इस निर्णय के बाद से जंगली इलाकों में रहने वाले अनुसूचित जनजाति के परिवार वालों को अब 150 दिनों का रोजगार मिलेगा.
केंद्रीय ग्रामीण विकास मंत्री जयराम रमेश के अनुसार वे आदिवासी जिन्हें वन अधिकार अधिनियम 2006 के तहत भूमि अधिकार मिले हैं, वह भी इस योजना के पात्र हैं. मनरेगा के तहत अतिरिक्त काम करने के दिन परिवारों को अपनी जमीन पर काम करने की भी अनुमति है.
वन अधिकार अधिनियम 2006 के तहत लगभग 14 लाख व्यक्तियों और समुदायों को अधिकार प्राप्त हैं जिनमें से 8 लाख लोग झारखंड, ओडीशा, छत्तीसगढ़ और आंध्रप्रदेश में हैं. वन अधिकार अधिनियम को इंदिया आवास योजना के तहत सहायता के लिए शामिल किया गया है.
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