स्वास्थ्य विषय की अंतरराष्ट्रीय ख्याति प्राप्त इंग्लैंड की लैंसेट पत्रिका में छपी रिपोर्ट के अनुसार वर्ष 2030 तक भारत में कैंसर और हृदय की बीमारियां सबसे बड़े जानलेवा बीमारी के तौर पर उभरेंगे. लैंसेट पत्रिका के फरवरी 2011 में प्रकाशित रिपोर्ट के अनुसार भारत में वर्ष 2004 तक कैंसर से होने वाली मौतों की संख्या लगभग 73000 थी, जिसका वर्ष 2030 तक 10 लाख 50 हजार पहुंचने की संभावना है. जबकि हृदय संबंधी बीमारियों से भारत में वर्ष 2004 तक होने वाली मौतों की संख्या लगभग 20.70 लाख थी जो वर्ष 2030 तक लगभग 40 लाख तक होने की आशंका है.
लैंसेट पत्रिका में छपी रिपोर्ट के अनुसार भारत में वर्ष 2030 तक ज्यादातर मौतें लंबी और दीर्घकालिक बीमारियों के चलते होंगी. हालांकि रिपोर्ट के अनुसार वर्ष 2004 से वर्ष 2030 के बीच संक्रामक बीमारियों, मातृत्व, प्रसव और पोषण संबंधी कारणों से होने वाली मौतों की संख्या में कमी आनी है. परंतु इसी अवधि में अकाल मृत्यु की संख्या बढे़गी जिसमें सड़क दुर्घटना और आत्महत्या प्रमुख होंगे.
लैंसेट की रिपोर्ट में 60 वर्ष की उम्र से पहले कोरोनरी हृदय रोग (Coronary Heart Diseases, हृदय में रक्त व ऑक्सीजन पहुंचाने वाली धमनियों का पतला होना) से होने वर्ष 2004 में होने वाली मौतों की संख्या 70.10 लाख बताई गई जिसका वर्ष 2030 तक 1.79 करोड़ तक पहुंचने की संभावना है.
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