विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने 10-11 अक्टूबर, 2015 के बीच मालदीव की यात्रा की. उन्होंने 11 अक्टूबर 2015 को माले में आयोजित भारत-मालदीव संयुक्त आयोग की पांचवी बैठक की सह-अध्यक्षता की.
उल्लेखनीय है कि वर्ष 1986 में आर्थिक एवं तकनीकी करार के तहत संयुक्त आयोग का गठन किया गया था तथा इसकी पहली बैठक माले में वर्ष 1990 में हुई थी.
विदेश मंत्री ने अपनी यात्रा के दौरान मालदीव गणराज्य के राष्ट्रपति अब्दुल्ला यमीन अब्दुल गयूम से मुलाकात की.
दोनों नेताओं ने भारत-मालदीव संबंधों के बीच बहुआयामी संबंधों की गुणवत्ता बढ़ाने तथा हिंद महासागर क्षेत्र की साझी चुनौतियों से निपटने पर विचारों का आदान-प्रदान किया. गौरतलब है कि मालदीव वर्ष 2016 में भारत में एक निवेश फोरम का आयोजन करेगा, जो ‘मालदीव आओ’ वर्ष भी है.
भारत-मालदीव रक्षा सहयोग के तहत अन्य बातों के मालदीव के राष्ट्रीय रक्षा बलों के लिए एक संयुक्त प्रशिक्षण केंद्र का निर्माण, संयुक्त गश्त, भारत में एम.एन.डी.एफ. अधिकारियों के लिए प्रशिक्षण कार्यक्रम, चिकित्सा शिविर आदि शामिल है.
संयुक्त आयोग की बैठक के दौरान भारत और मालदीव के विदेश सेवा संस्थानों के बीच तथा युवा एवं खेल पर समझौता ज्ञापनों पर हस्ताक्षर हुए. भारत-मालदीव संयुक्त आयोग की अगली बैठक वर्ष 2017 में भारत में आयोजित होना निर्धारित है.
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