केंद्र सरकार ने विदेशी खुदरा निवेशकों को भारत के बाजार में कर्ज और कॉरपोरेट बांड में निवेश की अनुमति दी. केंद्र सरकार ने 29 मई 2012 को विदेशी खुदरा निवेशकों को दिए इस अनुमति में एक अरब डॉलर तक के निवेश की छूट दी.
केंद्रीय वित्त मंत्रालय ने विदेशी खुदरा निवेशकों के निवेश की समय सीमा (पांच दिन के भीतर ही निवेश का फैसला) पर से पाबंदी हटाने का भी निर्णय लिया. साथ ही विदेशी खुदरा निवेशकों के लिए बांड बाजार में निवेश संबंधी दिशा-निर्देश भी जारी किए गए. भारतीय रिजर्व बैंक और सेबी को इस संबंध में सात दिन के भीतर दिशानिर्देश जारी करने का निर्देश दिया गया.
विदेशी खुदरा निवेशकों को पात्र संस्थागत निवेशक भी कहा जाता है. इसके अलावा खाड़ी और यूरोपीय संघ के देशों के व्यक्तिगत निवेशकों को भी पात्र संस्थागत निवेशक का दर्जा दिया गया. ज्ञातव्य हो कि इससे पूर्व भारतीय बाजार में कर्ज और कॉरपोरेट बांड में निवेश की अनुमति सिर्फ विदेशी संस्थागत निवेशकों को ही थी.
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