विश्व सामाजिक न्याय दिवस 20 फरवरी 2016 को मनाया गया. विश्व सामाजिक न्याय दिवस का विषय ए जस्ट ट्रांजिशन– एंवायरमेंटली सस्टेनेबल इकोनॉमीज एंड सोसायटीज था.
इस अवसर पर दुनिया भर में कई प्रकार की गतिविधियां आयोजित की गईं और 2030 के सतत विकास एजेंडे जिसमें सामाजिक न्याय प्राप्त करने पर विशेष जोर दिया गया है, के महत्व पर जोर दिया गया.
सतत विकास के लिए 2030 एजेंडा-
- गरीबी उन्मूलन, पूर्ण रोजगार और सभ्य काम को बढ़ावा देने, लैंगिक समानता और सभी के लिए सामाजिक भलाई एवं न्याय के क्षेत्र में अंतरराष्ट्रीय समुदाय के प्रयासों के समर्थन के लिए संयुक्त राष्ट्र महासभा ने 2007 में इस दिन को विश्व सामाजिक न्याय दिवस के तौर पर मनाने की शुरुआत की.
- इस दिन को सामाजिक विकास का विश्व शिखर सम्मेलन (1995) और महासभा का 24वां सत्र (1973) के उद्देश्यों और लक्ष्यों के अनुरूप बनाया गया है.
सामाजिक न्याय सुनिश्चित करने की जरूरत-
- सूचना एवं संचार प्रौद्योगिकियों में उन्नति के कारण दुनिया समृद्धि के उस स्तर पर पहुंच चुकी है जहां पहले कभी नहीं थी.
- विकास न्यायसंगत नहीं है क्योंकि अभी भी यह सिर्फ कुछ लोगों और राष्ट्रों तक ही सीमित है.
- ऑक्सफैम की रिपोर्ट के अनुसार वर्ष 2015 में सिर्फ 62 लोगों के पास ही इतना धन था जितना कि 3.6 बिलियन लोगों के पास है.
- जनवरी 2016 में प्रकाशित इस लेख में यह भी कहा गया है कि सदी के अंत तक दुनिया की आबादी का सबसे गरीब आधा हिस्सा वैश्विक धन की कुल बढ़ोतरी का सिर्फ 1 फीसदी प्राप्त कर सकेगा जबकि उस बढ़ोतरी का आधा हिस्सा शीर्ष 1 फीसदी को चला जाएगा.
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