प्रोफेसर सुभाशीष चौधरी को वर्ष 2010 के वैज्ञानिक अनुसंधान के लिए घनश्यामदास बिड़ला पुरस्कार के लिए चुना गया. क्रम में यह 20वां है. भारतीय प्रौद्यौगिकी संस्थान मुंबई के इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग विभाग में प्रोफेसर के पद पर कार्यरत सुभाशीष चौधरी को यह पुरस्कार इलेक्ट्रॉनिक संचार के क्षेत्र में उनके महत्वपूर्ण योगदान के लिए दिया गया. पुरस्कार के अंतर्गत विजेता को डेढ़ लाख रुपए नकद प्रदान किए जाते हैं. केके बिरला फाउंडेशन की ओर से प्रतिवर्ष दिया जाने वाला यह पुरस्कार 50 वर्ष से कम आयु के भारतीय वैज्ञानिकों को उल्लेखनीय कार्यो को मान्यता देने से उद्देश्य दिया जाता है. इनसे पहले यह पुरस्कार आरए माशेलकर, अशोक सेन और गोवर्धन मेहता को दिया जा चुका है.
विदित हो कि वैज्ञानिक अनुसंधान के लिए घनश्यामदास बिड़ला पुरस्कार(GD Birla Award for Scientific Research) की स्थापना वर्ष 1991 में केके बिरला फाउंडेशन द्वारा की गई थी.
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