व्योमकेश दरवेश: डा. विश्वनाथ त्रिपाठी
'व्योमकेश दरवेश' नामक संस्मरणात्मक कृति को वर्ष 2013 के व्यास सम्मान (23वां) के लिए चुना गया. चयन समिति ने इसके चयन की घोषणा 5 फरवरी 2014 को की. यह संस्मरणात्मक कृति हिंदी भाषा में डा. विश्वनाथ त्रिपाठी द्वारा लिखी गई है.
‘व्योमकेश दरवेश’ हिन्दी के यशस्वी विद्वान आचार्य हजारी प्रसाद द्विवेदी के जीवन वृत का एक ऐसा अदभुत आख्यान है, जो अपनी सहज एवं सरल अभिव्यक्ति के कारण पाठकों को आत्मीय स्पर्श से उनकी चेतना को तन्मयता की ओर ले जाती है.
व्यास सम्मान केके बिड़ला फाउण्डेशन द्वारा प्रदान किया जाता है. इसके तहत चयनित कृति के लेखक को प्रशस्ति पत्र, स्मृति चिन्ह और 2.5 लाख रूपए नकद प्रदान किए जाते हैं.
पहला व्यास सम्मान डा. रामविलास शर्मा की तीन भागों में प्रकाशित आलोचनात्मक कृति ‘भारत के प्राचीन भाषा परिवार और हिन्दी’ को प्रदान किया गया था. 22वां व्यास सम्मान (2012) डा. नरेन्द्र कोहली के उपन्यास ‘न भूतो न भविष्यति’ के लिए प्रदान किया गया था.
Comments
All Comments (0)
Join the conversation